आंध्र प्रदेश में रहस्यमयी बीमारी से पीड़ित मरीजों के ब्लड सैंपल में लीड और निकेल पाए गए हैं। यह जांच दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित अस्पताल एम्स के डॉक्टरों की टीम ने की है।
आंध्रप्रदेश (Andhra Pradesh) में अज्ञात बीमारी के कारण सैंकड़ों लोग अस्पताल में भर्ती हैं। इन मरीजों के इलाज के दौरान जांच के लिए आए ब्लड सैंपल में निकेल (nickel) व शीशों (lead) के पार्टिकल्स पाए गए। यह जानकारी भारतीय अधिकारियों (Indian authorities) ने मंगलवार को दी। नई दिल्ली स्थित एम्स (AIIMS) के डॉक्टरों व अन्य डॉक्टरों की टीम इस बीमारी का कारण पता लगाने में जुटी है। इस अज्ञात बीमारी के कारण पिछले कुछ दिनों में 400 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हैं वहीं एक की मौत हो चुकी है।
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (Marxist), प्रदेश सचिव पी मधु और CPI स्टेट सेक्रेटरी के रामकृष्ण समेत लेफ्ट पार्टी मंगलवार को आंध्र प्रदेश के एलुरु अस्पताल पहुंचे जहां अज्ञात बीमारी के कारण सैंकड़ों लोग भर्ती हैं।आंध्रप्रदेश सरकार ने मंगलवार को बताया कि एम्स टीम ने इन मरीजों के ब्लड सैंपल में लीड और निकेल को चिन्हित किया है। बता दें कि यहां के एक अन्य अस्पताल में इस बीमारी पर रिसर्च जारी है। डॉक्टरों के अनुसार ब्लड में अधिक मात्रा में लीड का होना दिमागी विकास को बाधित कर सकता है नर्वस सिस्टम को क्षति पहुंचा सकता है साथ ही दिल और फेफड़ों को भी बुरी तरह प्रभावित करता है।
इस बीमारी ने राज्य के 300 बच्चों को चपेट में ले लिया है। इनमें बेहोशी व मिर्गी की बीमारी से मिलते जुलते लक्षण देखे गए हैं। इनका कोविड-19 टेस्ट भी किया गया जिसमें ये सभी निगेटिव पाए गए हैं। आंध्र प्रदेश के एलुरू कस्बे के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले लोगों को इस अज्ञात बीमारी ने अपने चपेट में लिया है। हालात की गंभीरता को देखते हुए रविवार को स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक टीम वहां भेजी गई।
राज्य की पब्लिक हेल्थ डायरेक्टर गीता प्रसादिनी ने बताया, ‘इस बीमारी के कारणों को जानने के लिए अन्य जांचों के रिजल्ट का इंतजार है।’ उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में बीमारी का कोई गंभीर मामला सामने नहीं आया है। वीकेंड पर इस बीमारी के कारण एक 45 वर्षीय शख्स की मौत हो गई थी। उन्होंने बताया, ‘बीमारी के कारण में ‘आर्गनक्लोरिंस (Organochlorines)’ की भूमिका भी हो सकती है।’ बता दें कि कैंसर व अन्य स्वास्थ्य खतरों के कारण ऑर्गनक्लोरिंस कई देशों में प्रतिबंधित है। हालांकि पर्यावरण में कई प्रदूषक मौजूद होते हैं और एनिमल व ह्यूमन फैट बनाते हैं। ये प्रदूषक मच्छरों को मारने वाले स्प्रे DDT में मौजूद होता है। अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार ऑर्गनक्लोरीन पेस्टीसाइड की मौजूदगी भी सिर में दर्द बेहोशी, उल्टी जैसे अन्य परेशानियों की वजह बन सकता है।