3 कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर शुरू हुआ किसान आंदोलन 6वें दिन में प्रवेश कर गया है। टीकरी और सिंघु बॉर्डर के साथ अब दिल्ली-यूपी गेट पर भी किसानों की संख्या बढ़ने लगी है। इस बीच दिल्ली ऑटो रिक्शा यूनियन और दिल्ली प्रदेश टैक्सी यूनियन के महामंत्री राजेंद्र सोनी (Rajendar Soni, Mahamantri, Delhi Autorickshaw Union & Delhi Pradesh Taxi Union) ने कहा है कि हम प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में हैं। साथ ही यह भी स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि दिल्ली ऑटो रिक्शा और टैक्सी की हड़ताल नहीं होने जा रही है। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते 4 महीने से तो वैसे भी खाली बैठे थे ऐसे में हड़ताल को नहीं झेल पाएंगे।
उधर, सिंघु बॉर्डर की तरफ से दिल्ली में जबरन प्रवेश करने के दौरान किसानों की तरफ से की गई हिंसा के खिलाफ अलीपुर थाने में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज व अन्य स्रोतों से मिले सबूतों के आधार पर मामले की जांच कर रही है। हालांकि, अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है।
दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर जमा होने लगे किसान
उत्तर प्रदेश के किसानों ने भी यूपी गेट पर कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। यहां पर धीरे-धीरे किसानों की संख्या बढ़ने लगी है।
लाईन में लगे किसान
सबको अन्न देने वाले किसानों को अन्न के लिए लाइन में लगना पर रह है। यूपी गेट सीमा पर जैसे ही खाने की गाड़ी पहुँची तो भूखे किसानों ने लाइन में लग कर भोजन लिया।
समर्थन में आईं खाप पंचायतें
कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन को हरियाणा की खाप पंचायतों का भी समर्थन मिल गया है। इसके साथ ही ऑल इंडिया सारथी एंड ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष बलवंत सिंह भुल्लर व दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष परमीत सिंह गोल्डी ने सिंघु बॉर्डर पर पहुंचकर किसानों का समर्थन किया। उन्होंने संयुक्त रूप से कहा कि सरकार की ओर से अगर दो दिन में कृषि कानूनों को वापस न लिया गया तो दिल्ली में ट्रक, टेंपो, टैक्सी और बस सेवा बंद कर दी जाएगी और चालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। उन्होंने देशभर के ट्रक, टैक्सी व बस चालकों से उनका साथ देने की अपील की।