छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर (Raipur) में शुक्रवार (16 जून) बड़ी धर्म सभा हुई. इसमें 11 हजार महिलाओं ने कलश यात्रा (kalahs yatra)निकाली है. इसके बाद पुरी पीठ के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती (Shankaracharya Nischalanand Saraswati) ने धर्म सभा (Dharm sabha) को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने राजनेताओं और धर्मांतरण (conversion) पर तीखी टिप्पणी की. इस धर्म सभा में तीन परिवारों को धर्म वापसी कराई गई है और मंच से हिंदू राष्ट्र बनाने के जमकर नारे लगाए गए.
11 हजार महिलाओं ने निकाली कलश यात्रा
दरअसल शुक्रवार को सुबह 8 बजे से रायपुर के बंजारी मंदिर के पास एक बड़ी धर्म सभा का आयोजन किया गया था. इस धर्म सभा में बड़ी संख्या में साधु संत और हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे. मंच में कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों के नेताओं ने निश्चलानंद सरस्वती का आशीर्वाद लिया. इस बीच एक कांग्रेसी विधायक अनिता योगेंद्र शर्मा ने हिंदू राष्ट्र का समर्थन करते हुए मंच से सबको हिंदू राष्ट्र निर्माण के लिए संकल्प दिलवाया.
शंकराचार्य ने कहा नेताओं से कहा- ‘कान खोलकर सुन लो…’
इसके आगे जब पूरी पीठ के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने सभा को संबोधित किया तो नेताओं की जमकर क्लास लगाई है. उन्होंने नेताओं से कहा सुन लो नेताओं कान खोल कर. इन नेताओं को ज्ञान नहीं है. ईमानदार नेताओं भारत का स्वरूप को समझिए. सनातन से ही विश्व की समस्या का समाधान होगा. गोवंश को बचाने का प्रयास करें. मैं किसी से मांग नहीं करता हूं, जो कहता हूं वो होता है, जो नहीं कहता वो नहीं होता है. हम लोगों के वाणी में शक्ति है. आपके सहयोग की जरूरत नहीं है.
इसके आगे उन्हीं श्रद्धालुओं से कहा कि आपके जीतने विधायक हैं, उनको अपने क्षेत्र बुलाइए. तीन महीने के अंदर में अपने क्षेत्र के लिए क्या किया ये पूछना होगा. विधायक-सांसद ने क्या किया? अच्छे से अच्छे राजनेता है, शब्दभेदी बाण चलाने में माहिर होते है. इसके नाम पर चुनाव में विजय होते है. राजनीति की परिभाषा आती नहीं है. मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनते हो और राजनीति की परिभाषा नहीं आती है. सनातन धर्म के अनुसार राजनीति की परिभाषा सुसंस्कृत, सुशिक्षित ,सुरक्षित संपन्न और सेवा राजनीति में होना चाहिए.
धर्मांतरण रोकने में लिए शंकराचार्य ने क्या कहा?
कथित धर्मांतरण को रोकने के लिए शंकराचार्य ने कहा कि हर हिंदू परिवार से 1 रुपए का पैसा निकलना चाहिए. उस पैसे से उस क्षेत्र के जरूरतमंद की मदद करें. सिर्फ भारत ही नहीं पूरा विश्व सनातनी है. आपके पूर्वज बैकुंठ (स्वर्ग) में आपने नाम पर रोए नहीं. गरीबी को दूर करने के लिए हर हिंदू परिवार को सहयोग करना है. देश की रक्षा के लिए हिंदू को एक होना होगा. ईसाई समाज को लेकर चेतावनी के लहजे में कहा कि निकल जा नहीं तो एक एक वृक्ष काट दिया जाएगा.