वाशिंगटन। अमेरिका में भारतीय मूल के सांसदों ने उम्मीद जताई है कि बिडेन प्रशासन ग्रीन कार्ड के लिए देशों की सीमा खत्म करेगा। बता दें कि एच1बी वीजा पर अमेरिका जाने वाले भारतीय पेशेवरों को कानूनी स्थाई निवास हासिल करने में दशकों लग जाते हैं। ग्रीन कार्ड, जिसे आधिकारिक रूप से स्थाई निवास कार्ड कहा जाता है, अमेरिका में प्रवासियों को जारी किया जाने वाला एक दस्तावेज है, जिससे उन्हें वहां स्थाई रूप से निवास करने का विशेषाधिकार मिलता है।
मौजूदा आव्रजन प्रणाली से परेशानी
इससे एक गैर-अमेरिकी नागरिक को अमेरिका में स्थायी रूप से रहने और काम करने की अनुमति मिलती है। भारतीय आइटी पेशेवर आमतौर पर एच1बी कार्य वीजा पर अमेरिका जाते हैं और मौजूदा आव्रजन प्रणाली से सबसे अधिक परेशानी उन्हें ही है क्योंकि ग्रीन कार्ड या स्थायी कानूनी निवास के आवंटन पर प्रति देश के लिए सात प्रतिशत कोटा है।
खत्म होगा पेशेवरों का लंबा इंतजार
अत्यधिक कुशल प्रवासियों के लिए निष्पक्ष आव्रजन कानून के समर्थक और इलिनोइस से डेमोक्रेटिक सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने शनिवार को कहा कि रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए देशों की सीमा खत्म करने से भारतीय आइटी पेशेवरों का लंबा इंतजार खत्म होगा।
भारतीयों के लिए ग्रीन कार्ड बढ़ाने की वकालत
वर्चुअल चर्चा के दौरान कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि जो बिडेन प्रशासन के तहत, हम सीनेट के माध्यम से इस कानून को पारित करने में सक्षम होंगे।’ चर्चा का संचालन भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत रिच वर्मा ने किया। इस चर्चा में भारतीय मूल के सांसद एमी बेरा, प्रमिला जयपाल और रो खन्ना भी मौजूद थे। उन्होंने भी भारतीय पेशेवरों के लिए ग्रीन कार्ड का कोटा बढ़ाने की वकालत की।
डॉक्टर बोले, ट्रंप से संक्रमण फैलने का खतरा नहीं
व्हाइट हाउस के डॉक्टर सीन कॉनले के मुताबिक अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संपर्क में आने वाले व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने का खतरा नहीं है। डॉ. कॉनले ने कहा कि शनिवार को राष्ट्रपति का एक बार फिर कोरोना टेस्ट किया गया, जिससे यह पता चला कि उनसे संक्रमण फैलने का कोई खतरा नहीं है। हालांकि आधिकारिक रूप से यह नहीं बताया गया है कि ट्रंप का कोरोना टेस्ट निगेटिव आया है या नहीं।
ट्रंप को लेकर विशेषज्ञों की राय जुदा
मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल में संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. सैंडी नेल्सन के मुताबिक ऐसा व्यक्ति एक बार फिर लोगों के संपर्क में आ सकता है, जिसमें लक्षणों की शुरुआत 10 दिन पहले दिखाई दी हो और पिछले 24 घंटे से बुखार नहीं आया हो। राष्ट्रपति ट्रंप जैसे लोग, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के साथ ही ऑक्सीजन देनी पड़ी हो, उन्हें 10 से लेकर 20 दिनों तक आइसोलेशन में रहना चाहिए।