केरल में कांग्रेस को तब अजीब स्थिति का सामना करना पड़ा जब महिला कांग्रेस की केरल इकाई की अध्यक्ष लतिका सुभाष ने एत्तूमनूर सीट से टिकट नहीं मिलने के बाद रविवार को पद से इस्तीफा दे दिया। सुभाष ने राज्य में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवारों की सूची नई दिल्ली में जारी होने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वरिष्ठ नेता सुभाष (56) ने टिकट नहीं मिलने पर विरोध जताने के लिए यहां पार्टी कार्यालय के सामने बैठकर अपने सिर के बाल भी मुंड़ा लिए। नई दिल्ली में केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख मुल्लापल्ली रामचंद्रन द्वारा उम्मीदवारों की सूची की घोषणा करने के तुरंत बाद सुभाष ने यहां पार्टी मुख्यालय इंदिरा भवन में संवाददाताओं से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों की सूची में महिला उम्मीदवार कम हैं। कांग्रेस द्वारा आज जारी 86 उम्मीदवारों की सूची में केवल 9 महिलाएं हैं।
जानी-मानी महिला चेहरा हैं लतिका सुभाष
केरल में हो सकता है कि ऐसा पहली बार हुआ हो कि किसी राजनीतिक दल के किसी नेता ने चुनाव का टिकट नहीं मिलने पर पार्टी नेतृत्व के खिलाफ इस तरह का कठोर कदम उठाया है। कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच एक जानी-मानी महिला चेहरा, लतिका सुभाष ने 2018 में महिला कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष का पद संभाला था। सुभाष ने रोते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी में उन सभी महिलाओं की ओर से विरोध के प्रतीक के रूप में अपने सिर के बाल मुंडाये हैं, जो अन्य उम्मीदवारों की सफलता के लिए कड़ी मेहनत करती रही हैं और उन्हें वर्षों तक नेतृत्व द्वारा दरकिनार और नजरअंदाज किया गया।
इस्तीफा देने के बाद क्या बोलीं नेता?
उन्होंने कहा कि वह ऐसे पद पर नहीं रहना चाहतीं, जो उन्हें एक चुनाव टिकट भी नहीं दिला सके। उन्होंने कहा, ”मैं केपीसीसी के उम्मीदवार के चयन से दुखी हूं। हमने महिलाओं के लिए 20 प्रतिशत सीटें मांगी थीं.. प्रत्येक जिले से कम से कम एक महिला उम्मीदवार की उम्मीद की थी, लेकिन जो महिला नेता पार्टी के लिए काम करती थीं, उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया जाता है।” इन वर्षों के दौरान कांग्रेस के साथ अपनी यात्रा को याद करते हुए, महिला नेता ने कहा कि उनका नाम चुनावों के समय सुना जाता था, लेकिन उन्हें कभी भी उम्मीदवारों की सूची में जगह नहीं मिली। उन्होंने कहा, ”इस बार, 27 वर्षीय महिला को मौका दिया गया। हम खुश हैं … लेकिन कई वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी की गई।” उन्होंने कहा, ”मैं इस पार्टी के लिए लंबे समय से काम कर रही हूं। कांग्रेस पार्टी के कई विधायक मुझसे कनिष्ठ हैं।”
Kerala Mahila Congress chief Lathika Subhash gets her head tonsured in front of the party office in Thiruvananthapuram in protest after being denied the party ticket for Assembly elections.
"I am not joining any party but I'll resign from my post," she says. pic.twitter.com/FWme31IEdU
— ANI (@ANI) March 14, 2021
सुभाष ने यह भी कहा कि महिला कांग्रेस की राज्य इकाई की पूर्व प्रमुख और वर्तमान डीसीसी अध्यक्ष बिंदू कृष्णा को अपना नाम उम्मीदवारों की सूची में शामिल करने के लिए शनिवार को रोना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि वह कांग्रेस नहीं छोड़ेंगी या किसी अन्य के साथ नहीं जुड़ेंगी, लेकिन अब से पार्टी की एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में काम करेंगी। उन्होंने कहा, ”मैं न तो भाजपा में जाऊंगी, न मैं माकपा में शामिल होऊंगी। इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी मेरी नेता हैं।” हालांकि, इस पर प्रतिक्रिया करते हुए, मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने उनके इन आरोपों को खारिज कर दिया कि उन्हें दरकिनार किया गया है।
‘हमेशा से रही हैं एक आज्ञाकारी पार्टी कार्यकर्ता’
उन्होंने कहा कि वह हमेशा एक बहुत आज्ञाकारी पार्टी कार्यकर्ता रही हैं और कांग्रेस ने उनकी उपेक्षा नहीं की है। उन्होंने कहा, ”हम इस बार उन्हें सीट नहीं दे सके… लेकिन यह जानबूझकर नहीं था …वह एत्तूमनूर सीट चाहती थीं जिसे केरल कांग्रेस (एम) जोसेफ गुट को देना पड़ा। हम निश्चित रूप से भविष्य में उन्हें समायोजित करेंगे।” राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला ने कहा कि पार्टी ने सभी को शामिल करने की पूरी कोशिश की है और कई सक्षम नेता हैं जिन्हें इस चुनाव के लिए टिकट नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, ”मैं हर यूडीएफ सदस्य और कार्यकर्ता से अनुरोध करता हूं कि वे मोर्चे की जीत के लिए काम करें। यूडीएफ के संयोजक एम एम हसन ने कहा कि पार्टी एत्तूमनूर सीट लतिका सुभाष को देना चाहती थी, लेकिन केसी (जे) वह सीट लेने को अडिग थी।” उन्होंने कहा कि हालांकि उनके लिए कुछ अन्य सीटों पर विचार किया गया, लेकिन वह हो नहीं पाया।