राष्ट्रीय सुरक्षा और कोरोना प्रोटोकॉल के नाम पर चीन बुनियादी नागरिक अधिकारों और राजनीतिक स्वतंत्रता को रोकने का काम कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बेशलेत ने शुक्रवार को यह टिप्पणी की। उन्होंने शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के साथ किए जा रहे व्यवहार की स्वतंत्र जांच कराए जाने का भी आह्वान किया। उधर, नीदरलैंड की संसद ने एक ऐसा प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें उइगरों के खिलाफ चीन के व्यवहार को ‘नरसंहार’ करार दिया गया है। नीदरलैंड यूरोप का पहला ऐसा देश है, जिसने इस तरह का कदम उठाया है।
बेशलेत ने कहा कि चीन सरकार मानवाधिकार कार्यकर्ता, वकील और कुछ विदेशी नागरिकों पर ना केवल मनमाने आरोप लगाकर उन्हें तंग कर रही है बल्कि कई को हिरासत में भी लिया गया है।
उन्होंने जल्द ही चीन की यात्रा की भी उम्मीद जताई। चीन द्वारा की जा रही कार्रवाई का आलम यह है कि हांगकांग में हुए लोकतंत्र बहाली प्रदर्शनों में भाग लेने वाले छह सौ लोगों की जांच की जा रही है। इतना ही नहीं कुछ लोगों को नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार भी किया गया है।
वहीं, शिनजियांग की बात करें तो संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों के मुताबिक दस लाख मुस्लिमों को हिरासत में रखा गया है। हालांकि चीन इससे इन्कार करता है और कहता है कि वहां पर उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। चीन ने बुधवार को ही शिनजियांग, तिब्बत और हांगकांग को लेकर पश्चिमी देशों द्वारा की जा रही आलोचना पर निशाना साधा था।