प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विश्वभारती के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए हैं। वह फिलहाल विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में अपना संबोधन दे रहे हैं।
ज्ञान के महत्व पर डाला प्रकाश
जिस प्रकार सत्ता में रहते हुए संयम और संवेदनशील रहना पड़ता है, रहना जरूरी होता है, उसी प्रकार हर विद्वान को, हर जानकार को भी उनके प्रति जिम्मेदार रहना पड़ता है जिनके पास वो शक्ति है। आपका ज्ञान सिर्फ आपका नहीं, बल्कि समाज की, देश की हर एक भावी पीढ़ियों की भी वो धरोहर है। आपका ज्ञान अपकी स्किल एक समाज, एक राष्ट्र को गौरवान्वित भी कर सकती है।
गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर को किया याद
विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर ने जो अद्भुत धरोहर मां भारती को सौंपी हैं, उसका हिस्सा बनना, आप सभी साथियों से जुड़ना, मेरे लिए प्रेरक भी है और आनंददायक भी है।
पीएम मोदी ने कहा कि इस बार तो कुछ समय के अंतराल पर मुझे दूसरी बार ये मौका मिला है। दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आपके जीवन के इस महत्वपूर्ण अवसर पर आप सभी युवा साथियों को, माता पिता को और गुरुजनों को मैं बहुत बहुत बधाई और अनेक अनेक शुभकामनाएं देता हूं।
छात्रों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आप सिर्फ एक विश्वविद्यालय का ही हिस्सा नहीं हैं, बल्कि एक जीवंत परंपरा का हिस्सा भी हैं। उन्होंने कहा कि गुरुदेव अगर विश्व भारती को सिर्फ एक यूनिवर्सिटी के रूप में देखना चाहते, तो वो इसे ग्लोबल यूनिवर्सिटी या कोई और नाम दे सकते थे, लेकिन उन्होंने इसे विश्व भारती विश्वविद्यालय नाम दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि गुरुदेव टैगोर के लिए विश्व भारती सिर्फ ज्ञान देने वाली एक संस्था मात्र नहीं थी। ये एक प्रयास है भारतीय संस्कृति के शीर्षस्थ लक्ष्य तक पहुंचने का। उन्होंने कहा कि गुरुदेव कहते थे – हे श्रमिक साथियों, जानकर साथियों, हे समाजसेवियों, हे संतों, समाज के सभी जागरूक साथियों। आइये समाज की मुक्ति के लिए मिलकर प्रयास करें।
विश्वभारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विश्वभारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में हिस्सा ले रहे हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी इस समारोह में उपस्थित हैं।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 फरवरी को बंगाल आ रहे हैं। इस दौरान जहां वह एक ओर नोआपाड़ा से दक्षिणेश्वर रेलवे स्टेशन तक मेट्रो सेवा का शुभारंभ करेंगे, वहीं दूसरी ओर हुगली जिले में सभा को भी संबोधित करेंगे। विश्वभारती को 1951 में केंद्रीय विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा मिला था। यह एकमात्र केंद्रीय विवि है, जिसके कुलाधिपति देश के प्रधानमंत्री होते हैं।
विश्व भारती की खासियत
पश्चिम बंगाल के शांति निकेतन स्थित विश्व भारती एक ऐसा विश्वविद्यालय है, जहां प्राचीन भारत की आत्मा बसती है। विश्व भारती की स्थापना 1921 में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी। यह देश का सबसे पुराना केंद्रीय विश्वविद्यालय(Central University) है। यहां आज भी खुले आकाश तले पेड़ों की छांव में कक्षाएं लगती हैं। इस विश्वविद्यालय में आज भी गुरुकुल व्यवस्था की तरह ही खुले आकाश तले पेड़ों की छांव में कक्षाएं लगती हैं।
इसका मतलब यह नहीं कि विश्वविद्यालय कंप्यूटरीकृत ऑनलाइन शिक्षा के इस युग में पिछड़ा होगा। विश्व भारती विश्वविद्यालय भारत का केंद्रीय विश्वविद्यालय ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय महत्व का संस्थान भी घोषित है। परिसर में हर ओर भारतीय सांस्कृतिक विरासत की अनूठी झलक दिखाई देती है।
शांति निकेतन में विश्वभारती विश्वविद्यालय की शुरुआत एक आश्रम के तौर पर गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर (ठाकुर) के पिता महर्षि देवेंद्रनाथ टैगोर ने 1863 में एक आश्रम की स्थापना की थी। बाद में रवींद्रनाथ टैगोर ने इस विश्वविद्यालय को स्थापित किया। 1901 में केवल 5 छात्रों के साथ गुरुदेव रबींद्रनाथ टैगोर ने इसकी शुरुआत की थी। 1921 में इसे राष्ट्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिला।