राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) आज जेल से बाहर आ सकते हैं। उनके बेटे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav), तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) और उनके परिवार (Lalu Family) व पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) के लिए आज अहम दिन है। उनकी जमानत याचिका और जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में शुक्रवार को सुनवाई हो रही है। सबकी नजरें लालू के बेल पर टिकी हैं।
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) दिल्ली के एम्स में अपनी गंभीर बीमारियों का इलाज करा रहे लालू यादव के बेल (Lalu Yadav Bail) पर उच्च न्यायालय में बहस करेंगे। चारा घोटाला (Chara Ghotala, Fodder Scam) मामले के चार मामलों में सजा काट रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राजद प्रमुख लालू यादव (Lalu Yadav) की जमानत याचिका (Lalu Yadav Bail Hearing Today) और जेल मैनुअल उल्लंघन (Lalu Yadav Jail Manual violation Case) के मामले पर शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हो रही है। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह (Justice Aparesh Kumar Singh) की अदालत में यह मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
लालू प्रसाद यादव की ओर से चारा घोटाले के दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में मिली सजा की आधी अवधि पूरी करने आधार पर जमानत मांगी गई है। इस मामले में उन्हें निचली अदालत से सात साल की सजा मिली है। पिछली सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव की ओर से 42 माह से अधिक जेल में रहने का दावा किया गया था। केंद्रीय जांच एजेंसी, सीबीआइ की ओर से इसका विरोध किया गया और कहा गया कि लालू प्रसाद यादव ने आधी सजा नहीं काटी है।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने लालू प्रसाद और सीबीआइ को हिरासत की कुल अवधि की सत्यापित कॉपी पेश करने का निर्देश दिया था। तब अदालत ने सीबीआइ पर मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा था कि सीबीआइ लालू यादव के मामले में एक-एक दिन की गिनती कर रहा है। जबकि दूसरे लोगों के मामले में ऐसा नहीं करता है।
इधर, लालू प्रसाद के जेल मैनुअल के उल्लंघन से संबंधित मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी। इस दौरान रिम्स की ओर से लालू प्रसाद को एम्स भेजने के लिए बनी मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पेश की जानी है। लालू प्रसाद को बेहतर इलाज के लिए एम्स भेजा गया है। इसके लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया था, लेकिन कोर्ट में मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई थी। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए रिम्स निदेशक को शोकॉज जारी किया है।