उत्तर कोरिया एक बार फिर से अपनी परमाणु मिसाइल क्षमता को बढ़ाने में लगा है। इसके लिए वो लगातार अपनी मिसाइल विकसित सुविधा केंद्रों को बढ़ा रहा है। दक्षिण कोरियाई समाचार एजेंसी यॉनहॉप के मुताबिक नेशनल असेंबली डिफेंस कमेटी फॉर पॉलिसी की एक रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी दी गई है। हालांकि रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि उत्तर कोरिया के नष्ट किए जा चुकी न्यूक्लियर टेस्टिंग साइट्स पर किसी भी तरह की कोई असामान्य चीज नजर नहीं आई है। इसके अलावा लंबे समय से सस्पेंड पड़ें प्लूटोनियम प्रोड्यूसिंग रिएक्टर में भी कोई बदलाव देखने को नहीं आया है।
रिपोर्ट के मुताबिक 24 मई 2018 के बाद, जबसे उत्तर कोरिया ने अपने पुंग्येरी न्यूक्लियर टेस्ट साइट को नष्ट किया है वहां पर कोई खास मूवमेंट दिखाई नहीं दी है। इसी तरह से यॉन्गब्यॉन का 5 मेगावाट का न्यूक्लियर कॉम्प्लेक्स जो कि परमाणु हथियारों में इस्तेमाल किए जाने वाले प्लूटोनियम के उत्पादन का प्रमुख स्रोत है जस का तस है। इसके बावजूद दक्षिण कोरिया को लगता है कि उत्तर कोरिया मिसाइल रिसर्च एंड डेवलेपमेंट के लिए वो सुविधाओं में इजाफा कर रहा है। इसमें कहा गया है कि अमेरिका से तीन बार हुई वार्ता के बाद उसको कुछ हासिल नहीं हो सका है। इसके बाद ही उसने अपने परमाणु हथियारों में इजाफा करने का मन बनाया है।
दक्षिण कोरिया की समाचार एजेंसी के मुताबिक वर्ष 2019 के बाद से उत्तर कोरिया ने कुछ नई बैलेस्टिक मिसाइल का अनावरण किया है। ये मिसाइल रूसी इस्कंदर और अमेरिकन आर्मी की टेक्टिकल मिसाइल सिस्टम समेत सबमरिन लॉन्च बैलेस्टिक मिसाइल का ही वर्जन हैं। इनके अनावरण के साथ ही उत्तर कोरिया ने अपनी ताकत का शॉ ऑफ भी किया है। किम को लगता है कि इन हथियारों से उनका दर्जा और अधिक बढ़ गया है। दक्षिण कोरिया के मुताबिक उत्तर कोरिया ने अपनी जमीन और समुद्री रक्षा सीमा के पास बढ़ा दी है। इसके अलावा वो लगातार अपने जवानों को मिलिट्री ट्रेनिंग देने में भी जुटा है। वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से उत्तर कोरिया के जवान अपने-अपने केंद्रों पर रहते हुए ही ड्रिल में में हिस्सा ले रहे हैं।
दक्षिण कोरिया लगातार उत्तर कोरिया में हो रही सैन्य और राजनीतिक गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। एक ब्रीफिंग के दौरान रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से उत्तर कोरिया की सेनाओं को वारटाइम ऑपरेशनल कंट्रोल wartime operational control (OPCON) में तेजी लाने को कहा है। आपको बता दें कि अमेरिका और उत्तर कोरिया OPCON सशर्त मिलकर काम कर रहे हैं। हालांकि इसके लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है। राष्ट्रपति मून जे को उम्मीद है कि उनके ही कार्यकाल (मई 2022 तक) में इसको पूरा कर लिया जाएगा। दोनों देश एक साथ फुल ऑपरेशनल कैपेबिलिटी टेस्ट (FOC) या सैन्य अभ्यास पर भी विचार कर रहे हैं। इसको पहले कोविड-19 की वजह से नहीं किया जा सका था। लेकिन रक्षा मंत्री सू वुक के मुताबिक अब ये अपने तय समय पर होगी। उनका कहन है कि ये अगले माह दूसरे सप्ताह में की जा सकती है। रक्षा मंत्री का ये भी कहना है दक्षिण कोरिया इस एक्सरसाइट से दिखाना चाहता है कि वो अकेला नहीं है।