बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay Highcourt) ने टूलकिट मामले (ToolKit Case) में आरोपी निकिता जैकब (Nikita Jacob) को राहत देते हुए उसकी गिरफ्तारी पर तीन सप्ताह के लिए रोक लगा दी है। बता दें कि इस दौरान दिल्ली पुलिस (Delhi police) निकिता को गिरफ्तार नहीं कर सकती है। कोर्ट का यह भी कहना है कि अगर निकिता की गिरफ्तारी होती है तो उसे 25 हजार के मुचलके पर राहत मिल सकती है। गौरतलब है कि जस्टिस नाइक की बेंच ने औरंगाबाद बेंच के निर्णय का भी जिक्र किया था उसके बाद निकिता को राहत दी गई। दिल्ली पुलिस ने निकिता जैकब के खिलाफ गैरजमानती वारंट भी जारी किया था।
किसान आंदोलन के समर्थन के लिए टूलकिट
कोर्ट में निकिता जैकब की ओर से पैरवी करते हुए वरिष्ठ वकील मिहिर देसाई ने बताया था कि टूलकिट कई लोगों द्वारा किसानों के आंदोलन को समर्थन के लिए तैयार किया गया था। इसमें न तो लाल किले पर हुए प्रदर्शन का उल्लेख है और न ही किसी प्रकार की हिंसा को बढ़ावा दिया गया है। लेकिन इन सबके बावजूद भी गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
दिल्ली पुलिस का आरोप
दिल्ली पुलिस की ओर से हाइकोर्ट में वकील हितेन वेनेगांवकर ने पैरवी की थी। दिल्ली पुलिस का आरोप है कि दिशा ने जैकब और शांतनु मुलुक के साथ मिलकर टूलकिट बनाया और इसे अन्य लोगों के साथ साझा कर देश की छवि को धूमिल करने की कोशिश की। गौरतलब है कि इस मामले के एक अन्य आरोपी शांतनु ने भी हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी। औरंगाबाद पीठ की जस्टिस विभा कांकनवाडी ने इस पर सुनवाई करते हुए शांतनु को दस दिन तक गिरफ्तारी से संरक्षण देते हुए अग्रिम जमानत दे दी थी। जिससे वह राहत पाने के लिए दिल्ली में संबंधित कोर्ट में याचिका दायर कर सकें।