सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार राजदीप सरदेसाई के ट्वीट पर कोई भी अवमानना का मामला नहीं दर्ज किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह अनजाने में कोर्ट की वेबसाइट में हुई त्रुटि के कारण सामने आया था।
ज्ञात हो कि यह मामला वकील ओम प्रकाश परिहार ने एक याचिका में प्रधान न्यायाधीश से सरदेसाई के खिलाफ अवमानना का मामला शुरू करने की अपील की गई थी। 17 सितंबर, 2020 को अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सरदेसाई के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने पर सहमति देने से इन्कार कर दिया था।
याचिका में कहा गया कि सरदेसाई ने अदालत के सभी फैसलों पर अवज्ञाकारी टिप्पणी की, जिससे लोगों के मन में देश के सर्वोच्च न्यायालय के प्रति असम्मान का भाव आया। याचिका संविधान की धारा 129 के तहत दी गई, जिसमें सुप्रीम कोर्ट को अपनी अवमानना के लिए किसी को दंड देने का अधिकार है। याचिकाकर्ता आस्था खुराना ने कहा कि अदालत ने कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए हैं और सरदेसाई ने सभी फैसलों पर अपमानजनक टिप्पणी की। याचिका में सरदेसाई के 31 अगस्त, 2020 के ट्वीट का उल्लेख किया गया है, जिसमें उन्होंने अवमानना के एक मामले में वकील प्रशांत भूषण पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से एक रुपये का जुर्माना लगाने के फैसले पर टिप्पणी की थी।
Disclaimer: मंगलवार (Feb 16) देर रात पहले समाचार एजेंसी पीटीआइ ने यह खबर जारी की थी कि पत्रकार राजदीप सरदेसाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए अवमानना का मामला दर्ज किया है। कुछ देर बाद समाचार एजेंसी यह खबर जारी की कि राजदीप सरदेसा के खिलाफ कोई अवमानना का मामला नहीं दर्ज किया है। एजेंसी द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर खबर में बदलाव किया गया।
SC registers suo motu contempt case against Journalist Rajdeep Sardesai for his tweets allegedly scandalising judiciary
— Press Trust of India (@PTI_News) February 16, 2021