भारत ही नहीं, दुनियाभर में पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल ट्रांजैक्शन में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कोरोनाकाल में काफी तादात में नए लोग डिजिटल ट्रांजैक्शन से जुड़े हैं। डिजिटल ट्राजैंक्शन बढने के साथ ही क्यूआर और बारकोड स्कैनर ऐप के इस्तेमाल में इजाफा हुआ है। इसी का फायदा बारकोड स्कैनर ऐप के जरिए उठाया जा रहा है। दरअसल बारकोड स्कैनर ऐप वायरस की चपेट में आ गया है। ऐसे में Google की तरफ से इस पॉप्युलर ऐप को Play Store से हटा दिया गया है। साथ ही Barcode Scanner ऐप का पहले से इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को ऐप इंस्टॉल करने की सलाह दी गई है। इस ऐप को अब तक करीब 1 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस ऐप ने अब तक करीब एक करोड़ लोगों को नुकसान पहुंचाया है।
डिफॉल्ट ब्राउजर से ओपन हो रहे थे विज्ञापन
एक ब्लॉग पोस्ट में Malwarebytes ने बतया कि पिछले साल दिसंबर में यूजर के डिफॉल्ट ब्राउजर में काफी संख्या में ऐड कि शिकायत दर्ज की गई। यह विज्ञापन डिफॉल्ट ब्राउजर के जरिए ओपन हो रहे थे। खास बात है कि इनमें से किसी ने भी हाल ही में कोई ऐप इंस्टॉल नहीं किए थे और जो ऐप इंस्टॉल हुए थे उन्हे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया गया था। इसके बाद एक Anon00 यूजरनेम वाले एक यूजर ने पाया कि ये विज्ञापन लंबे समय से इंस्टॉल Barcode Scanner ऐप से आ रहे हैं। Barcode Scanner को पिछली बार 4 दिसंबर 2020 को अपडेट हुआ था।
मैलिशियस ऐप में बदल गया Barcode Scanner
जांच में पता चला कि दिसंबर के अपडेट के बाद Barcode Scanner एक मैलिशियस ऐप में बदल गया। यह ऐप यूजर्स के मोबाइल में लंबे समय से इंस्टॉल था। इस ऐप में एक Android/Trojan.HiddenAds.AdQR कोड था जिससे यूजर्स के स्मार्टफोन के डिफॉल्ट ब्राउजर में थर्ड-पार्ट एड साइट पर रीडायरेक्ट हो रहे थे।