चमोली जिले में एवलांच के बाद ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो गया है, जबकि धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूट गया, जिससे गंगा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। इसे देखते हुए राज्य में चमोली से लेकर हरिद्वार तक रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। जब यह हादसा हुआ, तब दोनों प्रोजेक्ट पर काफी संख्या में मजदूर कार्य कर रहे थे। इस हादसे में करीब 150 लोगों के मरने की आशंका है, जबकि 10 के शव बरामद किए गए हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार इस घटनाक्रम पर निगरानी रखे हुए हैं। सीएम ने चमोली जिले में पहुंचकर आपदा प्रभावित क्षेत्र तपोवन और रैणी का निरीक्षण किया और सभी को दिशा-निर्देश दिए, जिसके बाद वे दून के लिए रवाना हो गए हैं।
#UPDATE: ITBP rescues all 16 people who were trapped in the tunnel near Tapovan, Chamoli. #Uttarakhand https://t.co/vi2ZbTyB9N
— ANI (@ANI) February 7, 2021
LIVE UPDATES
- – उत्तराखंड सीएम त्रिवेंद्र रावत ने हादसे के मृतकों के परिजनों के लिए 4-4 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया।
- –डीजीपी अशोक कुमार ने ट्विट कर कहा कि श्रीनगर में अब नदी का बहाव सामान्य हो गया है। देवप्रयाग और निचले इलाकों के लोगों के लिए अब खतरे की कोई बात नहीं है। पुलिस राहत व बचाव तेजी से कर रही है।
- –अभी तक सात शव निकाले जा चुके हैं, 150 श्रमिक अभी भी लापता, जबकि पांच पुल क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
- -एनटीपीसी की धौलींगगा परियोजना का बांध, गेस्ट हाउस, आवासीय भवन क्षतिग्रस्त। ऋषिगंगा हाइड, प्रोजेक्ट भी क्षतिग्रस्त।
- – आइटीबीपी, एसडीआरएफ, एसएसबी, एयरफोर्स, एनडीआरएफ की टीमें मौके के लिए रवाना। सेना की छह टुकडियां, एक इंजीनियरिंग विंग तपोवन पहुंची।
- – स्वास्थ्य विभाग की टीम रैणी पहुंची।
- – एनडीआरएफ की एक अन्य टीम तपोवन के लिए रवाना।
- – नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा का पानी 533.60 मीटर पर स्थिर।
- -तपोवन में दूसरी टनल में फंसे 35 से 36 श्रमिकों का रेस्क्यू जारी। टनल को खोलन में जुटी टीम।
- -अभिनेता अक्षय कुमार ने सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की है।
- -आइटीबीपी ने तपोवन में टनल में फंसे सभी 16 लोगों का रेस्क्यू कर लिया है।
- -भारतीय नौसेना की सात गोताखोर टीमें उत्तराखंड में राहत-बचाव ऑपरेशन के लिए स्टैंडबाय पर हैं- भारतीय नौसेना के अधिकारी।
- -मलारी के पास एक सीमा सड़क संगठन पुल बाढ़ से बह गया है। महानिदेशक बीआरओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने अधिकारियों को जल्द से जल्द इसे बहाल करने के निर्देश दिए हैं। दुकानों और कर्मियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है।
- -आइटीबीपी के डीजी एसएस देशवाल ने बताया कि 9-10 शव नदी से बरामद किए गए हैं। सर्च ऑपरेशन चल रहा है। 250 आइटीबीपी के जवान मौजूद हैं।
- -तपोवन क्षेत्र के रेनी गांव में सेना के चार कॉलम, दो मेडिकल टीम और एक इंजीनियरिंग टास्क फोर्स की तैनाती की गई है।
- -डीआइजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने दी बताया कि तपोवन की दो टनलों में 46 लोग फंसे हुए हैं। इनमे एक टनल में 16 और दूसरी में 30 लोग हैं। दोनों टनल्स बंद हैं। यहां से इन्हें रेस्क्यू करने की तैयारी चल रही है।
- -एसडीआरएफ की सात टीमें रेस्क्यू में जुटीं हुई हैं। खुद सेनानायक ने कमाल संभाली है। टीमें लापता और नदी में डूबे व्यक्तियों को निकालने में जुटी।
- -डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि टनल में 15-16 लोग फंसे हुए हैं। उनसे संपर्क जारी है। जल्द ही उनका रेस्क्यू कर लिया जाएगा।
- -बीआरओ शिवालिक परियोजना के चीफ इंजीनियर आशू सिंह राठौड़ ने बताया कि घटनास्थल पर उनकी टीम मौजूद है और रेस्क्यू के काम में जुटी हुई है।
भारतीय सेना ने मदद को तैनात किए हेलीकॉप्टर और सैनिक
भारतीय सेना ने बाढ़ से निपटने के लिए उत्तराखंड सरकार और एनडीआरएफ की मदद के लिए हेलीकॉप्टर और सैनिकों को तैनात किया है। ऋषिकेश के निकट सैन्य स्टेशन सक्रिय रूप से स्थानीय प्रशासन के साथ बचाव और राहत कार्यों के समन्वय में शामिल है। सेना मुख्यालय स्थिति की निगरानी कर रहा है।
दिल्ली से भी टीमें उत्तराखंड के लिए रवाना
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि एनडीआरएफ की तीन टीमें उत्तराखंड पहुंच गई हैं। अधिक टीमें दिल्ली से उत्तराखंड के लिए रवाना होने के लिए तैयार हैं। आइटीबीपी के जवान भी हैं। मैं उत्तराखंड के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि मोदी सरकार इस कठिन समय में उनके साथ खड़ी है। मदद को और भी बढ़ाया जाएगा।
टाइमलाइन
- सुबह 10:40 बजे: चमोली जिले के ऋषिगंगा नदी में हिमखंड टूटने से नदी ने लिया रौद्र रूप
- सुबह 10:55 बजे: रेणी में ऋषिगंगा-2 हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का एक बड़ा हिस्सा तोड़कर आगे बढ़ा पानी का सैलाब
- सुबह 11:10 बजे: ऋषिगंगा-1 और देवडी बांध को क्षतिग्रस्त कर बहाव आगे बढ़ा।
- सुबह 11:25 बजे: धौलीगंगा और ऋषिगंगा के संगम के बाद तपोवन पहुंचा अलकनंदा नदी का पानी, तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना को भारी नुकसान कर सैलाब आगे बढ़ा।
- सुबह 11:45 बजे: जोशीमठ को पार कर विष्णुगाड-पिपलकोटी परियोजना तक पहुंचा बाढ़ का पानी।
- दोपहर 12.12 बजे: चमोली को पार कर नंदप्रयाग पहुंचा पानी।
- दोपहर 1:00 बजे: चमोली जिले में कर्णप्रयाग पार करने के बाद पानी के बहाव में आई कुछ कमी।
- दोपर 1:20 बजे: रुद्रप्रयाग जनपद को पार कर श्रीनगर के करीब पहुंचा बाढ़ का पानी।
(जोशीमठ में घटनास्थल का मुआयना और राहत-बचाव कार्यों की समीक्षा करते सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत।)
पीएम मोदी ने किया ट्वीट, उत्तराखंड के साथ खड़े देश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, उत्तराखंड में आपात स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं। देश उत्तराखंड के साथ खड़ा है और राष्ट्र सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है। वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार बात की जा रही है और एनडीआरएफ की तैनाती, बचाव कार्य और राहत कार्यों की लगातार जानकारी ली जा रही है। गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘इस संबंध में सीएम त्रिवेंद्र रावत से बात की गई है। डीजी आइटीबीपी और डीजी एनडीआरएफ से भी बात की गई है। सभी संबंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। एनडीआरएफ बचाव कार्य के लिए निकल गई है। देवभूमि को हर संभव मदद दी जाएगी।’
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने ट्वीट किया, उत्तराखंड के चमोली जिले में अकस्मात ग्लेशियर टूटने से उत्पन्न परिस्थितियों को लेकर प्रशासन सजग है। सीएम त्रिवेंद्र रावत खुद राहत और बचाव कार्य देख रहे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत से भाजपा कार्यकर्ताओं को पीड़ितों की मदद और प्रशासन के सहयोग में लगाने का आग्रह किया है। वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है।
हेल्पलाइन नंबर जारी
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि एनडीआरएफ भी प्रभावित इलाकों के लिए रवाना हो चुकी है। पानी का बहाव अब थोड़ा कम हुआ है। इस कारण निचले इलाकों में रहने वालों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। वहीं, इस आपात स्थिति से निपटने के लिए एसडीआरएफ और उत्तराखंड पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। +911352410197, +9118001804375, +919456596190। इन नंबरों पर फोन कर मदद ली जा सकती है।
आपको बता दें कि रविवार सुबह एवलांच के बाद चमोली जिले के अंर्तगत ऋषिगंगा नदी पर रैणी गांव में निर्माणाधीन 24 मेगावाट के हाइड्रो प्रोजेक्ट का बैराज टूट गया। इसके बाद मलबे और पानी का तेज बहाव धौलीगंगा की ओर बढ़ा। नतीजतन रैणी से करीब 10 किमी दूर तपोवन में धौलीगंगा नदी पर निर्माणाधीन 520 मेगावाट की विद्युत परियोजना का बैराज भी टूट गया। इसके बाद हालात बिगड़ गए। दोनों प्रोजेक्ट पर काम कर रहे बड़ी संख्या में मजदूरों के बहने की सूचना है।