उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने से भारी तबाही हुई है। 100-150 लोग के लापता होने की आशंका जताई जा रही है। वहीं, बचाव एवं राहत कार्य के लिए आईटीबीपी और एनडीआरएफ के दलों को उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों की ओर रवाना कर दिया गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात की है।
तपोवन इलाके में ग्लेशियर के टूटने से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को भी भारी नुकसान पहुंचा है। अलकनंदा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। ऋषिकेश, हरिद्वार समेत कई जगहों पर अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में गंगा किनारे के कानपूर और बनारस सहित 27 जिलों में भी अलर्ट जारी किया गया है।
गृह मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की सूचना के संबंध में मैंने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, आइटीबीपी के डीजी और एनडीआरएफ के डीजी से बात की। सभी संबंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य के लिए निकल गयी हैं। देवभूमि को हर संभव मदद दी जाएगी।
वहीं, उत्तराखंड के सीएम ने कहा कि राहत की ख़बर है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है। नदी का जलस्तर सामान्य से अब 1 मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है। राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी एवं मेरी समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नज़र रख रही है। नदी में अचानक पानी आने से अलकनंदा के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ की संभावना है। तटीय क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट किया गया है। नदी किनारे बसे लोगों को हटाया जा रहा है।