जहां एक ओर किसान प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर 6 फरवरी को होने वाले चक्का जाम की तैयारी में जुटे हैं, वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने फिर कहा है कि राजधानी दिल्ली में चक्का जाम नहीं किया जाएगा। समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में उन्होंने कहा है कि जो लोग यहां नहीं आ पाएं वो अपनी-अपनी जगहों पर 6 फरवरी को चक्का जाम शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे। ये जाम दिल्ली में नहीं होगा। इससे पहले राकेश टिकैत कह चुके हैं कि चक्का जाम के दौरान लोगों को रोककर कृषि कानून की खामियां बताने के साथ चना दिया जाएगा।
दिल्ली पुलिस ने सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर बढ़ाई सुरक्षा
उधर, 6 फरवरी को प्रदर्शनकारियों के चक्का जाम की घोषणा देखते हुए दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा इंतजाम बढ़ा दिए हैं। इसी के साथ सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर भी सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। सिंघु बॉर्डर पर पिछले सप्ताह प्रदर्शनकारियों ने तलवारों से पुलिसवालों पर हमला कर दिया था, इस बार विभाग खासतौर पर सतर्कता बरत रहा है।
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा ने एलान किया है कि 6 फरवरी को दोपहर 12 से तीन बजे तक इस चक्का जाम के दौरान सभी नेशनल और स्टेट हाईवे जाम करें। इसी के साथ गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी के दिन दिल्ली में हुए ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद किसानों पर दर्ज मुकदमे और गिरफ्तारी का विरोध किया जाएगा। वहीं, आंदोलन स्थल पर लगातार राजनेताओं के आने का मुद्दा गरमाने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों ने कहा कि आंदोलन सौ फीसदी किसानों का है, लेकिन इसमें हर कोई शामिल हो सकता है। किसानों का कहना है कि 6 फरवरी को होने वाले चक्का जाम को लेकर स्थानीय लोगों की भागीदारी सबसे अधिक रहेगी। लोग कृषि कानून के विरोध में और किसानों पर किए जा रहे अत्याचार को लेकर काफी आक्रोशित हैं। उन्होंने बाधित इंटरनेट सेवाओं को भी तत्काल बहाल करने की मांग की। किसान नेताओं ने बताया कि मोर्चा के एक प्रतिनिधिमंडल ने 26 जनवरी की पुलिस कार्रवाई में मारे गए उत्तराखंड के किसान नवरीत सिंह की अंतिम अरदास में शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।