गुजरात भाजपा ने स्थानीय निकाय चुनावों में उम्मीदवारों को टिकट देने के लिए नियमों की घोषणा की है। उनके अनुसार, 6 निगमों, 81 नगर पालिकाओं, 231 तालुका पंचायतों और 31 जिला पंचायतों के 50 प्रतिशत सदस्यों को टिकट नहीं मिलेगा। चुने गए सदस्यों का पचास प्रतिशत 50 वर्ष से अधिक आयु का है।
47000 मतदान केंद्र हैं। 7600 सीटें हैं। वर्तमान में भाजपा के पास 30 प्रतिशत सीटें हैं। 2500 उम्मीदवारों में से, 1250 उम्मीदवारों के टिकट काट दिए जाएंगे।
भाजपा ने घोषणा की है कि वह 60 साल के नेताओ को टिकट नहीं देगी। 3 बार चुने जाने पर टिकट नहीं मिलेगा। भाजपा में परिवार वाद चल रहा है ईस लिये, यदि एक ही परिवार के सदस्य पार्टी में हैं, तो अन्य सदस्यों को टिकट नहीं मिलेगा।
सांसद सीआर पाटिल खुद 60 साल के हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म भी 1950 में हुआ था। फिर स्थानीय स्वशासन की संस्थाओं में ही ऐसा नियम क्यों। भाजपा कार्यकर्ताओं का मानना है कि हर चुनाव के लिए ऐसा नियम होना चाहिए।
यह महत्वपूर्ण निर्णय 1 फरवरी, 2021 को गांधीनगर में भाजपा कार्यालय में आयोजित बैठक में लिया गया था।
पक्ष के मुखिया और सांसद सीआर पाटिल ने यह नहीं बताया कि इन फैसलों को क्यों लेना पड़ा। कार्यकर्ता और नेता पार्टी के भीतर रहकर इस फैसले को चुनौती दे सकते हैं। इसलिए यदि उन्हें टिकट नहीं मिलता है, तो वे पार्टी को हराने के लिए हर संभव प्रयास कर सकते हैं।
सवाल यह है कि इस फैसले को विधानसभा, लोकसभा या राज्यसभा में लागू क्यों नहीं किया गया। 107 विधायकों में से 80 भाजपा में हैं, जिनकी आयु 50 और उससे अधिक है। 50 विधायकों की आयु 60 वर्ष से अधिक है। सांसदों की स्थिति भी ऐसी ही है। इसलिए भाजपा कार्यकर्ता सोच रहे हैं कि विधानसभा और संसद में यह नियम क्यों लागू नहीं किया गया।
2017 में चुने गए विधायकों की उम्र
भाजपा कांग्रेस
26-35 – 4 – 1
36-45 – 12 – 21
46-55 – 32 – 28
56-65 – 38 – 19
66-75 – 13 – 07
75+ – 00 – 01