चुनाव आयोग के स्पष्ट करने के बाद कि असम में एनआरसी से बाहर किए गए वे सभी लोग वोट डाल सकेंगे जिनके नाम मतदाता सूची में होंगे, का कांग्रेस और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने स्वागत किया है। सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा है कि मतदान को लेकर यथास्थिति बनाए रखी जाएगी। बुधवार को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने असम दौरे में यह बात कही थी।

असम में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) तैयार हुआ है। यह 31 अगस्त, 2019 को जारी हुआ है। इसमें 19 लाख लोगों को नागरिकता सूची से बाहर किया गया है। हालांकि अभी तक इस सूची के लिए देश के रजिस्ट्रार जनरल ने अधिसूचना जारी नहीं की है। असम में अब जबकि विधानसभा चुनाव नजदीक हैं तब मतदाता सूचियों और उनमें शामिल लोगों के नामों को लेकर चर्चा तेज है। एनआरसी से बाहर के नामों के वोट डालने पर भ्रम की स्थिति थी। लेकिन निर्वाचन आयोग ने साफ कर दिया है कि मतदान का आधार मतदाता सूची होगी, न कि कोई अन्य रिकॉर्ड।

कोविड-19 महामारी को देखते हुए शारीरिक दूरी के नियमों के मद्देनजर आयोग ने कुछ फैसले लिए हैं। इसके तहत मतदान केंद्रों पर तैनात किए जाने वाले अधिकारियों की संख्या में बदलाव किया गया है। इसके तहत 1500 की जगह 1000 अधिकारियों को तैनात किया जाएगा। यह जानकारी मुख्य चुनाव आयुक्त सुनिल अरोड़ा ने दी। उन्होंने बताया, ‘महामारी के कारण पैदा हालात को देखते हुए असम में मतदान केंद्रों की संख्या को भी बढ़ाया गया है जो करीब 5000 होगा और आगामी चुनावों में यह संख्या 33 हजार तक जा सकती है।’

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