कुल्लू और शिमला में रिहायशी मकान जले, भारी नुकसान; जानिए क्यों जलते हैं पहाड़ों पर आशियाने
जिला मुख्यालय कुल्लू से चार किलोमीटर दूर सेऊबाग छरूडू में ढाई मंजिला मकान में अचानक आग लग गई। देर शाम लगी आग से भारी नुकसान का अनुमान लगाया गया है। मौके पर दमकल विभाग की टीम आग बुझाने में जुट गई, लेकिन काबू नहीं पाया जा सका। जानकारी के मुताबिक देर शाम सेऊबाग के छरूडू में बने मकान में अचानक आग की लपटें देख लोगों में अफरा तफरी मच गई। इसके बाद स्थानीय लोगों ने दमकल विभाग को सूचित किया और सभी लोग एकत्र होकर आग पर काबू पाने में जुट गए। ग्रामीणों ने आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन तब आग विकराल रूप धारण कर चुकी थी। इसके बाद दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची। लेकिन तब तक सब कुछ जल कर राख हो चुका था।
दमकल विभाग के अधिकारी दुर्गा सिंह ने बताया कि आग अतुल भागीरथ के मकान में लगी। इसके लिए दो वाहन पतलीकूहल और दो कुल्लू से मौके पर पहुंचाए गए। आग लगने से करोड़ों रुपये के नुक्सान का अनुमान लगाया गया है।
मकान में यह सामान जला
मकान में लाइसेंस रिवॉल्वर, करीब 25 तोला सोना, गोदरेज की अलमारी, पांच डबल बैड, एक सिंगल बेड, कपड़े व रसोई का सारा सामान, गैस सिलेंडर चार, व चार टीवी, दो फ्रीज, प्रोजेक्टर, सोफा सेट, टेबल, दो लैपटॉप, एक डेस्क टॉप, सहित कीमती सामान जलकर राख हो गया है।
सरांह में तीन मंजिला मकान जला
जिला शिमला के चौपाल उपमंडल के सरांह में शुक्रवार रात को तीन मंजिला मकान जलकर राख हो गया था। इस अग्निकांड में लाखों रुपये की संपत्ति राख हो गई है। अग्निकांड के समय घर पर कोई भी सदस्य मौजूद नहीं था। स्थानीय लोगों की सूचना पर दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची व आसपास के भवनों को जलने से बचाया।
क्यों जलते हैं पहाड़ों में आशियाने
सर्दी के मौसम में पहाड़ों में घरों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। इसका कारण ठंड ज्यादा होने के कारण कमरों में आग जलाना भी माना जा सकता है। जरा सी लापरवाही पलभर में सबकुछ राख कर देती है। पहाड़ी क्षेत्र में ज्यादातर घर लकड़ी के बने होते हैं। इस कारण जब चिंगारी उठती है तो सब कुछ राख करने के बाद ही शांत होती है।
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