एक तरफ जहां अमेरिका समेत कुछ दूसरे देशों में कोविड-19 का प्रकोप लगातार जारी है वहीं इस महामारी से बचाव को लेकर सामने आई वैक्‍सीन को लेकर भी विभिन्‍न धारणाएं सामने आ रही हैं। लोगों के मन में इसको लेकर कई तरह की भ्रांतियां बनी हुई हैं। मन में उठते इन सवालों के कई बार विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन भी जवाब दे चुका है। इसके बाद भी ये भ्रांतियां पनप रही हैं। ऐसे में इन सवालों के जवाब दोबारा जानना जरूरी हो जाता है।

सवाल 1- जल्‍दबाजी में तैयार की गई और जल्‍दबाजी में ही लोगों को लगाई जा रही है वैक्‍सीन

जवाब- दुनिया में बनने वाली कोई भी वैक्‍सीन कभी भी यूं ही लोगों को नहीं लगाई जाती है। इसकी एक पूरी प्रक्रिया है जिसको पूरा करना जरूरी है। इसके तीन अहम चरण होते हैं जिनमें सबसे पहले वैक्‍सीन का प्रयोग जानवरों पर किया जाता है। इसके बाद दूसरे चरण में कुछ लोगों पर इसका ट्रायल किया जाता है और अंतिम चरण में इसको हजारों लोगों पर ट्रायल किया जाता है। इसके बाद ही किसी वैक्‍सीन को मरीजों पर लगाने की स्‍वीकृति प्रदान की जाती है। ऐसे में ये सवाल पूरी तरह से बेमानी हो जाता है। हां, लेकिन इस बार पहली बार ऐसा देखने को मिला है कि कोई महामारी की वैक्‍सीन एक वर्ष के अंदर खोज ली गई है। ये एक बड़ी उपलब्धि है। ऐसा इसलिए संभव हो सका है क्‍योंकि पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इसकी खोज में प्राथमिकता से जुड़े थे।

सवाल 2- ये वैक्‍सीन अधिक लंबे समय तक इंसानी शरीर पर प्रतिकूल असर डाल सकती है।

जवाब: डॉक्‍टरों का मानना है कि यदि इस वैक्‍सीन से कोई साइड इफेक्‍ट नजर भी आता है तो वो कुछ मिनट या कुछ घंटों के लिए ही होगा। हालांकि अब तक इस तरह के साइट इफेक्‍ट अब तक सामने नहीं आए हैं जिससे घबराने की जरूरत हो। यही वजह है कि डॉक्‍टरों ने वैक्‍सीन को पूरी तरह से सुरक्षित करार दिया है।

सवाल 3- कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों के लिए जरूरी नहीं है वैक्‍सीन लगवाना

जवाब: अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के मुताबिक जिन लोगों को कोविड-19 संक्रमण हो चुका है उन लोगों को ये वैक्‍सीन लेनी चाहिए। शुरुआती आंकड़ों से इस बात का पता चलता है कि वैक्‍सीन कोविड-19 से बेहतर सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम हैं। डॉक्‍टर कनिंगघम के मुताबिक महामारी के शुरुआती दौर में जो लोग इसका शिकार हुए उनका टेस्‍ट नहीं किया जा सका। इसकी वजह लैब का ना होना भी था। ऐसे में उनके शरीर पर प्रभावों का आकलन किया गया था। ऐसे में इस तरह के शोध सौ फीसद तक सफल नहीं कहे जा सकते हैं।

सवाल 4- वैक्‍सीन को लगवाने से हो जाएगा कोरोना

जवाब – वैक्‍सीन के अंदर किसी भी प्रकार का लाइव वायरस नहीं है जो शरीर को कोरोना से संक्रमित कर सके। वैक्‍सीन हमारे शरीर में प्रोटीन को जन्‍म देता है जो वायरस को खत्‍म करने में मदद करते हैं। इससे सरदर्द जैसी दिक्‍कत कुछ समय के लिए हो सकती है। लेकिन ऐसा तब होता है जब हमारा शरीर वायरस से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता को विकसित कर रहा होता है। ये किसी तरह के साइड इफेक्‍ट की वजह से नहीं होता है।

सवाल 5- वैक्‍सीन से बदल जाएगा डीएनए

जवाब – मॉडर्ना और फाइजर की वैक्‍सीन आरएनए आधारित हैं। RNA की वजह से लोगों को इसके डीएनए में गड़बड़ी पैदा करने की धारणा ने जन्‍म लिया है, जबकि इनका कोई संबंध नहीं है। आरएनए दरअसल हमारे शरीर में मौजूद सेल्‍स का एक ब्‍लूप्रिंट होता है जो शरीर में प्रोटीन का उत्‍पादन करता है। यही कोविड-19 के संक्रमण से हमारी रक्षा करता है। विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि वैक्‍सीन हमारे सेल्‍स के केंद्र में नहीं पहुंचती है जहां डीएनए मौजूद होता है। ऐसे में इसमें बदलाव की धारणा पूरी तरह से गलत है।

सवाल 6- गृभ धारण कर चुकी महिलाएं और दूध पिलाने महिलाओं को नहीं लगवानी चाहिए ये वैक्‍सीन

जवाब- अमेरिका के सेंट्रल डिजीज कंट्रोल के मुताबिक ऐसी महिलाओं को वैक्‍सीन लगावाने की सख्‍त जरूरत है। ऐसा न करने पर वो वायरस को अपने बच्‍चे में ट्रांसफर करने में सहायक साबित हो सकती हैं जो खतरनाक हो सकता है।

सवाल 7- वैक्‍सीन से प्रभावित हो सकती है संतान उत्‍पत्ति की क्षमता

जवाब – अभी तक सामने आए आंकड़ों और शोधों में इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है कि वैक्‍सीन का इस तरह का असर हुआ है।

सवाल 8- एक बार वैक्‍सीन लग जाने के बाद मास्‍क लगाने की नहीं रहेगी जरूरत

जवाब- विशेषज्ञों समेत विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन का कहना है कि वैक्‍सीन आने और लगने के बाद भी लोगों को मास्‍क लगाने और एक दूसरे से दूरी बनाए रखने के नियमों का पालन करना होगा। ऐसा न करने पर वो संक्रमण के शिकार हो सकते हैं और दूसरों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। लिहाजा इस महामारी के पूरी तरह से खात्‍मे तक एहतियात रखनी बेहद जरूरी है।

सवाल 9- वायरस के हर स्‍ट्रेन पर कामयाब नहीं

जवाब- कोरोना वायरस के कुछ नए स्‍ट्रेन सामने आ चुके हैं। विभिन्‍न कंपनियों ने अपनी वैक्‍सीन को इसके विभिन्‍न स्‍ट्रेन पर टेस्‍ट कर सफल पाया है। वहीं विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि नए स्‍ट्रेन को लेकर पूरी दुनिया में शोध चल रहा है। ऐसे में ये कहना जल्‍दबाजी होगी कि वैक्‍सीन सभी स्‍ट्रेन पर कामयाब होगी या नहीं।

सवाल 10- वैक्‍सीन से पूरी तरह से खत्‍म हो जाएगा वायरस

जवाब – इस सवाल के जवाब में पूरी दुनिया के वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि दुनिया की आधी आबादी को भी वैक्‍सीन लगा दी जाए तो बाकी बचे लोग भी सुरक्षित हो सकेंगे। इसकी बड़ी वजह ये भी है कि ऐसे में इस वायरस का वाहक बनने से रोका जा सकेगा।