एक बार फिर उत्तराखंड हाई कोर्ट ने जनहित याचिकाओं पर महत्वपूर्ण आदेश पारित कर न्यायिक सक्रियता को लेकर नई उम्मीद जगार्ई है। जनहित याचिका के माध्यम से ही ना केवल अनियमितताओं की जांच के आदेश हुए तो सरकार को भी नीतिगत मामले में रोलबेक करना पड़ा। यहीं नहीं हाई कोर्ट से पिछले विधान सभा चुनावों में ईवीएम की गड़बड़ी को लेकर दायर कांग्रेस प्रत्याशियों की याचिका को निरस्त कर सत्ता पक्ष को बड़ी राहत मिली। कोर्ट ने जनहित याचिका में गलत तथ्य पेश करने पर याचिकाकर्ताओं पर भारी जुर्माना लगाकर नियम कायदों का दुरुपयोग करने वालों को भी सख्त संदेश दिया।
हाई कोर्ट के महत्वपूर्ण फैसले
- हाई कोर्ट में नैनीताल के पर्यावरणविद प्रो अजय रावत, विनोद पाण्डे की जनहित याचिका के बाद सरकार को दस हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल वाले वनों की वन की परिभाषा से बाहर करने के आदेश पर रोलबेक करना पड़ा। सरकार ने इसे घटाकर पांच हेक्टेयर कर दिया है, इसे भी चुनौती दी गई है।
- रोडवेज कर्मचारियों की जनहित याचिका पर हाई कोर्ट के आदेश पर सरकार को ना केवल उनका वेतन जारी करना पड़ा बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगी। अब यूपी सरकार 27 करोड़ वापस करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई है।
- महामारी काल में अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली व अन्य की जनहित याचिका पर हाई कोर्ट के आदेश के बाद कोविड केयर सेंटरों की व्यवस्थाएं सुधरी बल्कि प्रवासियों के आने के लिए सरकार को इंतजाम पुख्ता करने पड़े। जिलास्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में निगरानी कमेटी का गठन कर संक्रमण की रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
- सार्वजनिक स्थानों पर व अवैध अतिक्रमण कर बनाए गए धार्मिक स्थलों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में हाई कोर्ट ने आदेश जारी कर हटाया गया।
- अल्मोड़ा के प्रसिद्ध चितई मंदिर में पर्यटन सचिव की ओर से डीएम की अध्यक्षता में बनाई गई प्रबंधन कमेटी को मंदिर संस्थापक परिवार की संध्या पंत की याचिका पर भंग किया गया। साथ ही कमेटी द्वारा लिए गए प्रशासनिक निर्णयों को भी निरस्त किया गया। पहले नैनीताल के अधिवक्ता दीपक रुवाली की जनहित याचिका पर कोर्ट ने कमेटी गठित करने का आदेश पारित किया था।
- हाई कोर्ट में मामला आने के बाद हरिद्वार के जिला शिक्षा अधिकारी ब्रह्मïपाल सैनी को शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया था। उन पर अनियमितता के आरोप थे।
- वाणिज्य कर विभाग में दस हजार करोड़ का घोटाला होने संबंधी जनहित याचिका में गलत तथ्य पेश करने पर हाई कोर्ट ने हरिद्वार जिले के याचिकाकर्ता धर्मेंद्र सिंह पर एक लाख जुर्माना लगा दिया। इसके अलावा बाबा रामदेव की पतंजलि योगपीठ द्वारा बनाई गई कोरोनिल दवा के मामले में दायर याचिका में गलत तथ्य पेश करने पर याचिकाकर्ता पर 25 हजार जुर्माना लगाया।
- हाई कोर्ट के अहम आदेश के बाद ही भारत सरकार की ओर से श्रीनगर गढ़वाल के सुमाड़ी में एनआईटी के भवन आदि के लिए नौ सौ करोड़ की स्वीकृति प्रदान की। अब बमुश्किल एनआइटी की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ।
- हाई कोर्ट के इतिहास में पहली बार आइएपीएस बरिंदर जीत सिंह ने ऊधमसिंह नगर जिले में एसएसपी पद से किए तबादले के खिलाफ याचिका दायर की और खुद केस की पैरवी कर रहे हैं। इससे सरकार की खासी किरकिरी हुई।
- हाई कोर्ट के सख्त रवैये के बाद प्रदेश में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्ति पाए शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई हुई। यह मामला फिलहाल विचाराधीन है।
- केंद्रीय संयुक्त सचिव पदों पर नियुक्तियों में प्रक्रिया की अनदेखी करने के मामले में चर्चित आइएफएस संजीव चतुर्वेदी की याचिका पर हाई कोर्ट ने सेंट्रल एडमिनिटे्रेशन ट्रिब्यूनल के चेयरमैन को नोटिस जारी किया गया।
- गुरुराम राय मेडिकल कॉलेज देहरादून पर निर्धारित से 30 अधिक नर्सिंग सीटों पर एडमिशन करने पर पांच लाख जुर्माना लगाया गया।
- हाई कोर्ट के अवमानना नोटिस जारी होने के बाद खटीमा में रातोंरात अवैध अतिक्रमण ध्वस्त किया गया।
- हाई कोर्ट ने वन विभाग के दैनिक श्रमिकों को न्यूनतम वेतनमान देने का महत्वपूर्ण आदेश पारित किया।
- हाई कोर्ट ने 2011 से पहले बीएड डिग्रीधारक, जिनके स्नातक में 50 फीसद से कम अंक थे, उनको बड़ी राहत प्रदान करते हुए सहायक अध्यापक प्राथमिक के लिए आवेदन करने के योग्य करार दिया।
- पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास समेत अन्य सुविधाओं का बकाया जमा करने के एतिहासिक आदेश पारित किया गया।
- देवस्थानम बोर्ड अधिनियम के खिलाफ भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की जनहित याचिका में सरकार को बड़ी राहत मिली।
- इसके अलावा हाई कोर्ट में द्वाराहाट के विधायक महेश नेगी पर दुष्कर्म मामला, ऊधमसिंह नगर जिले में हाईवे जाम करने पर कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे, पूर्व सांसद बलराज पासी समेत 16 अन्य के खिलाफ निचली कोर्ट से जारी गैर जमानती वारंट पर रोक का मामला चर्चा में रहा।