मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किसानों को ऋण माफी में हुई देरी के कारणों को स्पष्ट किया है। मंगलवार को सरकार की पहली सालगिरह के मौके पर राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित किए गए भव्य समारोह में उन्होंने कहा कि सरकार गठन के बाद हमारे सामने हालात भयावह थे। कर्मियों को वेतन देने की भी चुनौती थी। इस बीच विपक्ष के लोगों ने हमें कई बार आरोपित किया – सरकार रोजगार देने में विफल रही, किसानों को राहत देने में विफल रही। शिकायतें होती रहीं। लेकिन, सबसे पहले आर्थिक व्यवस्था को देखना पड़ता है। खजाना खाली था। कोरोना संक्रमण से मुकाबला करने की चुनौती थी। यही कारण है कि किसानों को ऋण माफ करने का निर्णय लेने में हम एक साल लग गए। हमें संसाधन भी जुटाना था। आने वाले 5 सालों में इसी लक्ष्य के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। 5 साल के बाद इस राज्य को किसी से भीख मांगने की जरूरत नहीं रहेगी।
सीएम ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में इस विषय पर कभी चिंतन नहीं हुआ। राज्य का पहला बजट सरप्लस बजट था लेकिन इस दौरान की गलतियों के कारण हमारे सामने आर्थिक संकट है। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों के पास खनिज संपदा नहीं है वो भी आगे हैं तो हम क्यों नहीं। खनिज के अलावा कई ऐसे क्षेत्र हैं जिसके माध्यम से हम सर्वश्रेष्ठ राज्य बन सकते हैं।
सीएम ने कहा कि झारखंड में प्राकृतिक सौंदर्य का भंडार है और इस माध्यम को मजबूती प्रदान करने के लिए हमने पर्यटन नीति भी बनाई है। सीएसआर नीति से हम आर्थिक संसाधनों को बढ़ा सकेंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने झारखंड कॉफी टेबुल बुक और इमर्जिंग झारखंड के लोगो (प्रतीक चिन्ह) का अनावरण किया। इससे पहले समारोह स्थल पहुंचने पर मुख्यमंत्री का पारंपरिक तरीके से भव्य स्वागत किया गया।
मनरेगा के तहत अपने स्रोत से पैसा देगी सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम विदेश से उठकर नहीं आए हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों को नहीं जानेंगे। मनरेगा झारखंड के लोगों के लिए बड़ा सहारा है। मजदूरी कम है जिस कारण लोग रुचि नहीं लेते हैं। हमने मनरेगा मजदूरी 225 रुपये करने का निर्णय लिया है जबकि भारत सरकार 194 रुपये देती है। शेष राशि राज्य सरकार अपने स्रोत से देगी। इस सरकार के कार्यकाल के अंत तक मजदूरी 300 रुपये करने का लक्ष्य बनाया गया है।
युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक का ख्याल
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में युवाओं से लेकर वृद्ध जनों तक की ङ्क्षचता की बात दोहराई। बताया कि रोजगार के क्षेत्र में सरकार फोकस कर रही है और इसी क्रम में जमशेदपुर में महिला विश्वविद्यालय के लिए सभी पद स्वीकृत की गई हैं। राज्य में सभी वृद्धाओं का पेंशन मिलना सुनिश्चित किया जा रहा है। कहा, इस साल कुपोषण मुक्त झारखंड बनाने के लिए 250 करोड़ रुपये की लागत से 5 लाख बाड़ी को तैयार किया जा रहा है जहां मोटे अनाज की खेती होगी।
खिलाडिय़ों की चिंता जताई, सभी जिलों में खेल पदाधिकारी तैनात
मुख्यमंत्री ने खेल नीति की खासियत बताते हुए कहा कि इसके अभाव में झारखंड के खिलाड़ी आज दूसरे राज्यों से खेल रहे हैं। इनके लिए अभी तक कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। कहा कि अलग राज्य बनने के बाद पहली बार सभी जिलों में खेल पदाधिकारियों की तैनाती हुई है। उन्होंने कहा कि पहली बार खेल कोटे से सभी विभागों में नौकरी का प्रावधान किया गया है।
प्रमाणपत्रों में देरी पर निष्कासित होंगे जिम्मेदार अधिकारी
सीएम ने कहा कि जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण पत्र आद लाखों की संख्या में लंबित हैं। 15 दिन के अंदर लाभुकों को ये प्रमाणपत्र नहीं मिले तो जिस टेबल पर जो अधिकारी बैठा है वह बर्खास्त होगा।
झारखंडी होना मेरी पहचान है, उम्मीदों को पूरा करूंगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंडी होना ही उनकी पहचान है। झारखंडी होने पर गर्व है और आपके आशीर्वाद से सरकार बनाई है। आपने नेतृत्व करने का मौका दिया है। लेकिन मैं भी आपके जैसा ही सामान्य इंसान हूं। जनता की उम्मीदों को पूरा करना मेरी पहली प्राथमिकता है। हमारी सरकार ने जो वादे किए हैं, वो पूरे किए जा रहे हैं।
लॉक डाउन में उठाए गए कदमों ने नया इतिहास रचा
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉक डाउन के दौरान हमारी सरकार ने जीवन को सुरक्षित रखने तथा उनके जीविकोपार्जन की व्यवस्था करने के लिए जो कदम उठाए, उसने नया कीर्तिमान बनाया है। झारखंड देश के वैसे राज्यों में शामिल हैं, जहां कोरोना के सबसे कम मामले सामने आए और सबसे कम मौतें हुईं। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन में प्रवासी मजदूरों को हवाई जहाज और ट्रेन ने वापस लाने वाला झारखंड देश का पहला राज्य था। इतना ही नहीं महिला समूहों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर लाखों गरीबों, जरूरतमंदों और मजदूरों को मुफ्त भोजन कराया। सरकार ने इनके बीच मुफ्त में राशन का वितरण किया। हमारा यह संकल्प रहा है कि राज्य में कोई भूखा नहीं सोये।
शुरू होगी नियुक्ति प्रक्रिया
मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवानों को नौकरी देने के लिए सरकार ने कार्ययोजना तैयार कर ली है। जेपीएससी को जनवरी में परीक्षाओं को लेकर कैलेंडर जारी करने के निर्देश दे दिए गए हैं। इसके साथ ही नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड देश का पहला राज्य है जो अपने विद्यार्थियों को विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृति देगा। इसके अलावा पांच हजार आदर्श विदालय, हर जिले में एक सीबीएसई आधारित विद्यालय संचालित करने के साथ शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के लिए सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं।
इससे पूर्व झामुमो-कांग्रेस-राजद महागठबंधन की सरकार के सीएम हेमंत सोरेन के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर तालियों की गड़गड़ाहट से उनका जोरदार स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री के साथ-साथ अन्य विभागों के मंत्री भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। यहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का भव्य एवं परंपरागत तरीके से स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री के साथ उनके पिता और झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष राज्यसभा सदस्य शिबू सोरेन मौजूद रहे। पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह ने समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत किया।
मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने अतिथियों का स्वागत किया। स्वागत भाषण में सरकार की उपलब्धियां गिनाई और कोरोना संक्रमण के दौरान किए गए कार्यों को गिनाया। भोक्ता ने कहा कि 2021 रोजगार वर्ष होगा। विकास वर्ष होगा, युवाओं का वर्ष होगा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कृषि ऋण माफी योजना की शुरुआत ऑनलाइन की। इसके तहत किसानों को 50 हजार रुपये तक के ऋण माफ किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM
ने कहा कि जाति, आय और विवाह प्रमाण पत्र निर्गत करने के लाखों मामले संबंधित पदाधिकारियों के पास लंबित रहते हैं। आवेदन के 15 दिनों के अंदर प्रमाण पत्र निर्गत करना अनिवार्य होता है। ऐसा नहीं होता है तो संबन्धित पदाधिकारी बर्खास्त किये जायेंगे। pic.twitter.com/FHFwbQ1Z1z— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) December 29, 2020
मुख्यमंत्री ने मरांग गोमके विदेशी छात्रवृत्ति योजना का ऑनलाइन शुभारंभ किया। विदेशों में पढ़ने वाले छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए यह छात्रवृत्ति मिलेगी। मुख्यमंत्री ने 511 लोगों के बीच नियुक्ति पत्र वितरित किया। सांकेतिक रूप से कुछ लोगों को इस दौरान नियुक्ति पत्र दिया गया। इसमें हजारीबाग की मधु को मंच पर नियुक्ति पत्र दिया गया। सबसे पहले चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. श्वेता मिंज को मंच पर बुलाया गया और नियुक्ति पत्र दिया गया। 280 चिकित्सा पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिया गया है। 40 खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति का लाभ मिला है। झारखंड सीएसआर नीति और झारखंड खेल नीति की घोषणा की गई। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि जनता ने हमें चुना है, हम आपको निराश नहीं होने देंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री को आजीवन सीएम बने रहने की शुभकामनाएं दी। कहा कि पहले भी कर्ज माफी यूपीए सरकार में हुई और अब हम यह काम कर रहे हैं। 75389 लोगों को 77347 एकड़ भूखंड का वन पट्टा आवंटित किया गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य स्तरीय समारोह कार्यक्रम में 181 महिला हेल्पलाइन का शुभारंभ किया।
इसके माध्यम से हिंसा से पीड़ित महिलाओं को अविलंब सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने 136 करोड़ रुपये से बने 89 विद्यालयों व छात्रावासों का ऑनलाइन उद्घाटन किया गया। 27 लीडर स्कूलों (स्कूल ऑफ एक्सीलेंस) का ऑनलाइन शिलान्यास किया गया। 80 करोड़ की लागत से बने 23 प्रखंड सह अंचल कार्यालयों का उद्घाटन किया गया।
सरकार की ओर से मंगलवार, 29 दिसंबर का दिन जनता को समर्पित करते हुए कई तोहफों की बरसात की गई। रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कई योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया और आदिवासियों, महिलाओं, युवाओं, गरीबों, किसानों और अन्य वंचित तबकों के प्रति सरकार के संकल्प को प्रदर्शित किया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर मोरहाबादी के समारोह स्थल पर पहुंचें। वे यहां करीब दो घंटे तक रहे। दोपहर बाद ढाई बजे सीएम की वापसी हुई।
इधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य सरकार के एक साल पूरे होने के अवसर पर राजभवन में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की । राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को शुभकामनाएं दी। राज्य सरकार की पहली वर्षगांठ पर बिरसा चौक स्थित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने माल्यार्पण किया।
आज झारखण्ड सरकार के एक साल पूरे होने के अवसर पर राजभवन में राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी से मुलाकात की। pic.twitter.com/Si262ts95D
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) December 29, 2020
मंगलवार को एक वर्ष पूरा करने वाली हेमंत सरकार के लिए पूरा वर्ष चुनौतियों से भरपूर रहा। शुरुआत के कुछ ही दिनों बाद जैसे ही सरकार की गतिविधियां शुरू हुईं और सरकार की कोशिशों ने स्वरूप धारण करना शुरू किया, कोरोना संक्रमण से पूरी दुनिया थमने लगी और झारखंड भी इससे अछूता नहीं रहा। विपदा से निपटने के लिए तैयारियों के साथ-साथ आर्थिक मोर्चे पर भी सरकार के सामने चुनौतियां थीं। संभावित संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य के क्षेत्र में ना सिर्फ दवाइयों बल्कि मूलभूत संरचनाओं के लिए भी राशि खर्च करने की जरूरत आ पड़ी थी।