किसान आंदोलन: किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के प्रस्ताव को किया खारिज, कृषि कानून रद करने की मांग
ग्रेटर नोएडा में किसानों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे समाजवादी पार्टी के लगभग 40 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है। जिले में धारा-144 लगी है ऐसे में धरना प्रदर्शन बिना जिला प्रशासन की अनुमति के नहीं किया जा सकता है।
3 केंद्रीय कृषि कानूनों की खिलाफ पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत आधार दर्जन रा्ज्यों के किसानों का धरना बुधवार को 14वें दिन में प्रवेश कर गया है। दिल्ली से सटे हरियाणा (टीकरी और सिंघु बॉर्डर) और उत्तर प्रदेश (यूपी गेट और चिल्ला बॉर्डर) समेत कई बॉर्डर सील हैं, जिससे लोगों को आवाजाही में दिक्कत पेश आ रही है। दिल्ली पुलिस ने वैकल्पिक रास्तों के इंतजाम किए हैं, लेकिन लोगों को घंटों जाम से जूझना पड़ा रहा है। यह सिलसिला पिछले तकरीबन एक पखवाड़े से जारी है। केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को कानूनों में बदलाव का प्रस्ताव किसानों को भेज दिया है। वहीं, सरकार के प्रस्ताव पर फैसला लेने के लिए सिंघु बॉर्डर पर किसानों की चर्चा हो रही है। वहीं, बताया जा रहा है कि किसान संगठन तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करने की मांग पर अड़े हैं। वहीं, बुधवार दोपहर 2 बजे भारतीय जनता पार्टी की पत्रकार वार्ता होनी है।
नोएडा के सेक्टर 95 स्थित दलित प्रेरणा स्थल में कृषि कानून के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) के कार्यकता रस्साकशी के जरिये अपना विरोध प्रकट करते किसान। किसान पिछले आठ दिन से पार्क में बैठे हैं। किसानों की मांग है कि सरकार सभी फसल की एमएसपी दरें निर्धारित करके किसान आयोग का गठन करें।
वहीं, इस बीच बुधवार दोपहर सिंघु बॉर्डर पर किसान संगठनों पर एक अहम बैठक आयोजित की गई है, जिसमें कुछ बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि हम केंद्र द्वारा भेजे गए मसौदे पर एक बैठक करेंगे। यह बैठक केंद्र के साथ 6 बैठक होने के बाद हो रही है। इस मसौदे (Draft) को लेकर चर्चा होगी, साथ ही आगे के कदमों पर भी विचार किया जाएगा। शाम 4-5 बजे तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत हुए सिंधु बॉर्डर के लिए रवाना हो गए हैं। सिंधु बॉर्डर पर अन्य किसान संगठनों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे।
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