वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप का आग़ाज़ हो चुका है. पहला मैच पिछली विजेता इंग्लैंड और उपविजेता रही न्यूज़ीलैंड क्रिकेट टीम के बीच अहमदाबाद के स्टेडियम में खेला गया. लेकिन इस मुक़ाबले और इसके विजेता से ज़्यादा चर्चा मैच के दौरान स्टेडियम की ख़ाली सीटों को लेकर तेज़ है. सोशल मीडिया पर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं कि आख़िर वर्ल्ड कप के ओपनिंग मैच में दर्शकों की भीड़ कहाँ गई?

ये मैच नरेंद्र मोदी स्टेडियम में हुआ. यहाँ कितने दर्शक थे, इसकी सही संख्या अभी तक नहीं पता चली है. लेकिन मैच के दौरान स्टेडियम के ख़ाली स्टैंड साफ़ नज़र आ रहे थे. कुछ लोगों का तर्क है कि पाँच अक्टूबर को सप्ताह के मध्य का दिन था. कुछ की नज़र में पहले मैच में मेज़बान देश भारत के न खेलने की वजह से कम दर्शक जुटे थे.

ऐसे भी लोग हैं जिनके अनुसार, मैच अहमदाबाद की बजाय मुंबई के वानखेड़े में खेला जाता तो ऐसी स्थिति पैदा न होती. कई सोशल मीडिया यूज़र्स ख़राब प्रबंधन के लिए बीसीसीआई सचिव जय शाह पर भी निशाना साध रहे हैं. पहले मुक़ाबले में इंग्लैंड को न्यूज़ीलैंड ने नौ विकेट से हराया. न्यूज़ीलैंड की ओर से डेविड कॉनवे ने टूर्नामेंट का पहला शतक जड़ा.

मैच के बीच वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेयी ने लिखा है, “क्रिकेट वर्ल्ड कप शुरू, स्टेडियम ख़ाली… छोटे शहर में करते तो शायद अच्छा होता…” इंग्लैंड की महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी डेनियल वैट ने भी एक्स पर लिखा, “भीड़ कहाँ है?”

इस पर भारतीय महिला क्रिकेटर जेमिमा रोड्रिग्स ने लिखा, “भारत बनाम पाकिस्तान मैच का इंतज़ार कर रही है.” वहीं एक अन्य यूज़र ने लिखा है विश्व कप का पहला मैच देखने नरेंद्र मोदी स्टेडियम में बहुत कम लोग जुटे. जय शाह का ख़राब प्रबंधन. एक हैंडल से नरेंद्र मोदी स्टेडिय की ख़ाली कुर्सियों का वीडियो शेयर किया गया है. ये कुर्सियां गंदी हैं.

सिटिज़न्स मूवमेंट, ईस्ट बेंगलुरु नाम के इस एक्स हैंडल ने लिखा है, “क्रिकेट वर्ल्ड कप का उद्घाटन मैच जिस मोदी स्टेडियम में हुआ है, वहाँ साफ़-सफ़ाई की स्थिति चिंताजनक है. ऐसा लगता है कि ये सीटें सालों से साफ़ नहीं की गईं. लोग ऐसी सीटों के लिए पाँच-पाँच हज़ार रुपये दे रहे हैं. अगर आप इन सीटों की गुणवत्ता देखें तो ये किसी सरकारी स्कूल से भी कम है.” दर्शकों की संख्या कम होने को लेकर पाकिस्तानी यूज़र्स भी भारतीय क्रिकेट बोर्ड के प्रबंधन पर सवाल उठा रहे हैं.

एक यूज़र ने एक्स पर लिखा है, “अहमदाबाद में कुछ सौ दर्शकों के बीच वर्ल्ड कप के ओपनिंग को देखना निराशाजनक है.” एक पाकिस्तानी स्पोर्ट्स चैनल रफ़्तार स्पोर्ट्स ने एक तंज़ भरा वीडियो बनाया. इसमें कहा गया कि ये वर्ल्ड कप है और ये हो भी भारत में रहा है, जहाँ सबसे ज़्यादा क्रिकेट फ़ैन्स हैं. पहला मैच भी दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम में हुआ. लेकिन स्टेडियम में दर्शक बहुत कम थे. ये चीज़ कहीं भी बर्दाश्त हो सकती थी. पाकिस्तान में, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में भी लेकिन भारत में ये पाप है.”

पाकिस्तानी क्रिकेट के जानकार फ़रीद ख़ान ने लिखा है, “इतना ठंडा तो मेरा फ़्रिज नहीं है, जितना ठंडा इस वर्ल्ड कप का स्टार्ट हुआ है.”

बचाव में क्या कह रहे हैं लोग?

नरेंद्र मोदी स्टेडियम दुनिया में क्रिकेट का सबसे बड़ा स्टेडियम है. इसमें एक लाख 32 हज़ार दर्शकों के बैठने के लिए जगह है. मैच के दौरान कमेंटेटर और इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल एथर्टन ने अपने साथ कमेंट्री कर रहे रवि शास्त्री से पूछा कि अगर मेज़बान भारत ने पहला मैच खेला होता तो मैदान में ज़्यादा भीड़ होती. इस पर शास्त्री ने कहा, “बेशक. ख़ासतौर पर इस तरह के मैदानों में, जहां एक लाख से लोगों की क्षमता है. मैं समझता हूं कि आपको पिछले टूर्नामेंट का एक फ़ाइनलिस्ट मैच में होना चाहिए, लेकिन किसी भी क़ीमत पर मेज़बान को भी खेलना चाहिए. अगर ये इंग्लैंड बनाम भारत मैच होता तो आपका मैदान खचाखच भरा दिखता. सप्ताह के बीच भी कम से 70-80 हज़ार लोग आते. इससे माहौल बनता.”

एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 1999 के वर्ल्ड कप से लेकर अभी तक हर टूर्नामेंट के पहले मैच में मेज़बान टीम खेली है. कम भीड़ पर हो रही आलोचना के बीच पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने कहा है कि ऑफ़िस का समय पूरा होने के बाद शायद ज़्यादा भीड़ जुटे. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि जिन मुक़ाबलों में भारत न हो उनके लिए स्कूली और कॉलेज छात्रों को मुफ़्त में टिकट मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा ऐसे समय में जब 50 ओवरों के खेल का रोमांच फीका पड़ रहा है, तब इस तरीक़े से युवाओं को वर्ल्ड कप का अनुभव लेने में निश्चित तौर पर मदद मिलेगा.

वहीं पूर्व क्रिकेटर इरफ़ान पठान ने पाकिस्तानियों की आलोचना पर जवाब दिया है. इरफ़ान पठान ने किसी का नाम नहीं लिखा लेकिन उनका इशारा पाकिस्तान के क्रिकेट जानकार फ़रीद ख़ान की ओर माना जा रहा है. फ़रीद ख़ान ने इरफ़ान के ट्वीट पर जवाब भी दिया है. इरफ़ान पठान ने लिखा है, “वे लोग अलग-थलग महसूस कर रहे हैं, इसीलिए वो बेकार की बातें ट्वीट कर रहे हैं. इस पर प्रतिक्रिया मत दीजिए. रीच के चक्कर में ये अपने ट्वीट को रिट्वीट करने वाली जनता है. वर्ल्ड कप भारत में है. दुनिया के सबसे बेहतरीन स्टेडियमों में से एक में हो रहा है. इस पल का मज़ा लीजिए. उन्हें रोने दीजिए.”

स्टेडियम में क्यों नहीं जुटी भीड़?

बीबीसी गुजराती के संवाददाता तेजस वैद्य मैच से पहले नरेंद्र मोदी स्टेडियम के बाहर गए और वहाँ मौजूद प्रशंसकों से बातचीत की. तेजस कहते हैं, ”मैच दो बजे शुरू हुआ और हम साढ़े चार बजे तक वहीं थे, जब तक लोग आते रहे. लेकिन स्टेडियम उतना नहीं भरा, जितना होना चाहिए था.”

अहमदाबाद में 33-34 डिग्री सेल्सियस तापमान और चिलचिलाती गर्मी के कारण कुछ लोग स्टेडियम के बाहर ही रहे गर्मी कम होने पर अंदर गए. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी के एक नेता ने इस मैच के लिए चालीस हज़ार महिलाओं को पास दिए थे. तेजस वैद्य का कहना है कि जिन लोगों को ऐसे पास मिले, उनसे सुबह 11-11.30 बजे ही जमा करा लिया गया. इतने लंबे समय तक इंतज़ार करने के बाद लोगों का उत्साह कम होना स्वाभाविक है.

“दूसरी बात, आप मोबाइल और पर्स के अलावा स्टेडियम में कुछ भी नहीं ले जा सकते. कुछ लोगों ने हमें बताया कि बीजेपी ने पास के साथ चाय और खाने के कूपन भी दिए थे. लेकिन अगर टिकट मुफ़्त है तो भी अंदर पानी की बोतल ख़रीदना तक महंगा है. इसलिए बहुत से लोग नहीं आते.” हालांकि, कुछ फ़ैन्स ने तेजस वैद्य को ये भी बताया कि स्टेडियम तक जाना भी मुश्किल है. फ़ैन्स ने कहा, “अगर आप गाड़ी से जाते हैं, तो आपको इसे काफ़ी दूर पार्क करना होगा. सुबह से जाऊंगा, देर रात लौटूंगा. अगर भारत का मैच नहीं है तो हमें क्यों जाना चाहिए?”

उद्घाटन समारोह न होना भी वजह?

मैच से पहले स्थानीय अधिकारियों ने आधी सीटें भरने की उम्मीद की थी. सोशल मीडिया पर कई लोग भीड़ न जुटने के पीछे इस बार वर्ल्ड कप ओपनिंग सेरेमनी न होने को भी वजह बता रहे हैं.

एक यूज़र ने लिखा है, “बीसीसीआई और जय शाह उपमहाद्वीपीय राजनीति को क्रिकेट में लाकर इसे बर्बाद कर रहे हैं. कोई ओपनिंग सेरेमनी नहीं. आज के न्यूज़ीलैंड-इंग्लैंड मैच में भीड़ नहीं. टूर्नामेंट का कोई हो-हल्ला नहीं. वर्ल्ड कप का थीम सॉन्ग बेकार है. टिकट का कोई ठीक सिस्टम नहीं है.” वर्ल्ड कप से पहले ओपनिंग सेरेमनी आयोजित नहीं हुई लेकिन बीसीसीआई ने न्यूज़ीलैंड-इंग्लैंड के बीच मुक़ाबले से एक दिन पहले शाम में कैप्टंस डे आयोजित किया था. इस इवेंट में दसों टीम के कप्तानों से भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री और इंग्लैंड के पूर्व कप्तान इयोन मोर्गन ने सवाल किए. इसी दौरान भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने ये कहा, “लोगों को ये टूर्नामेंट बहुत पसंद आएगा. स्टेडियम भरे रहेंगे. भारतीय क्रिकेट से प्यार करते हैं. ये एक बड़ा टूर्नामेंट होने जा रहा है.”

कुछ प्रशंसक उम्मीद कर रहे थे कि मैच के साथ उद्घाटन समारोह भी होगा. तेजस वैद्य ने बताया कि वह इस मैच के लिए पुणे और यहां तक ​​कि कोल्हापुर से आए कुछ दर्शकों से मिले. कोई न्यूजीलैंड और इंग्लैंड से भी आया था. लेकिन स्थानीय लोगों ने वैसी प्रतिक्रिया नहीं दी जैसी उन्हें देनी चाहिए थी.

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