भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह इस बार किसानों के समर्थन में उतरे लेकिन उन्होंने जिस भाषा का इस्तेमाल किया। उसको लेकर सवाल उठ रहे हैं। यहां तक कि उनकी गिरफ्तारी की मांग भी होने लगी है।
भारत के पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने अक्सर भारतीय क्रिकेट पर आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर विवाद खड़ा किया है, खासकर पूर्व कप्तान एमएस धौनी को लेकर उन्होंने तमाम कमेंट किए हैं। इसी बीच योगराज सिंह ने गलत कारणों से फिर से सुर्खियां बटोरने का रास्ता खोजा है, लेकिन इस बार उनकी जमकर किरकिरी हो रही है। नई किसान कानूनों को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच उन्होंने किसानों के बीच जाकर एक आपत्तिजनक भाषण देकर खुद को मुसीबतों में डाला है।
कई प्रांतों के किसान दिल्ली सीमा पर विभिन्न स्थानों पर एकत्र हुए हैं। किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, केंद्र सरकार से उन्हें वापस लेने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। इस किसानों का समर्थन तमाम हस्तियों ने भी किया है। इस बीच एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें योगराज सिंह को हिंदूओं पर कमेंट करते हुए सुना जा सकता है। इस भाषण को सोशल मीडिया पर हेट स्पीच कहा जा रहा है, क्योंकि इसमें उनको निंदनीय, भड़काऊ, अपमानजनक और घृणास्पद भाषा का इस्तेमाल करते देखा गया है। इसके बाद तमाम लोग योगराज को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि उनका बयान निंदनीय है।
"Ye Hindu gaddar hai, sau saal mughalo ki ghulami ki"
Hateful people like Yograj Singh have hijacked the farmers protests to peddle their Anti-Hindu propaganda.
"Inki Aurate take-take k bhaw bikti" @NCWIndia please listen to this video and take action against Yograj Singh 😡 pic.twitter.com/ldjiyJyJmO
— Woke Patroller (@WokePatroller) December 4, 2020
Heard the speech of Yograj Singh. He is openly demeaning Gujaratis and Hindu community. Must be arrested for hateful speech.#ArrestYograjSingh
— chacha monk (@oldschoolmonk) December 4, 2020
https://twitter.com/HardikDodiya_/status/1334914333969580032?s=20
सिंघू सीमा पर एकत्रित हुए किसानों ने 8 दिसंबर को तीन केंद्रीय मंत्रियों और आंदोलनकारी किसानों के प्रतिनिधि समूह के बीच बातचीत के बाद भारत बंद का आह्वान किया है। कुल 5 दौर की बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला है। सरकार ने कथित तौर पर इस मामले पर आंतरिक चर्चा की, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कृषि भवन में अधिकारियों से मुलाकात की, जहां 7 घंटे लंबी बातचीत हुई।