किसानों के समर्थन में पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने पद्म विभूषण सम्मान लौटा दिया है। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को प्रकाश सिंह बादल ने फेडरल सिस्टम पर हमला बताया है ।
देश के वयोवृद्ध नेताओं में शामिल पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री व अकाली दल के सरपरस्त प्रकाश सिंह बादल ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में पद्म विभूषण सम्मान लौटा दिया है। राष्ट्रपति को लिखे पत्र में प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि वह जो हैं किसानों की वजह से हैं।
बादल ने लिखा कि किसान खुद के अधिकार को बचाए रखने के लिए भीषण ठंड में कड़ा संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उनकी बातों को नहीं सुना जा रहा। पत्र में बादल ने लिखा कि शांति और सांप्रदायिक सद्भाव के पंथक आदर्शों के बाद किसान मेरा उनका जुनून रहा है। राष्ट्रपति के नाम लिखे तीन पेज के पत्र में बादल ने लिखा कि वे वह जो कुछ हैं पंजाब के किसानों ने उनको बनाया है। ऐसे में उन्हें पद्म् विभूषण अवार्ड रखने का कोई अधिकार नहीं है।
बता दें, केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को विरोध में अकाली भाजपा गठबंधन पहले ही टूट चुका है। यह अकाली दल से भाजपा का सबसे पुराना गठबंधन था। अकाली व भाजपा नेता इसे हाड मांस का साथ मानते थे। इसी मुद्दे पर अकाली कोटेे की मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था। इस बीच, पंजाब में किसान कृषि कानूनों के खिलाफ आक्रामक हो गए हैं। प्रकाश सिंह बादल ने यह सम्मान ऐसे समय में लौटाया है जब किसान दिल्ली में बार्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। केंद्र सरकार किसानों से बातचीत में जुटी है। बादल पंजाब के पांच बार के सीएम रह चुके हैं। बादल ने कहा कि जब केंद्र सरकार यह बिल लेकर आई थी तो उन्होंने कहा था कि किसानों की आशंकाओं को दूर किया किया जाना चाहिए। सरकार ने इसका आश्वासन दिया था। इस पर उन्होंने खुद किसानों से अपील की थी कि सरकार की बात पर विश्वास करें, लेकिन बाद में आशंकाओं को दूर किए बिना केंद्र सरकार कानून ले आई।