तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रमुख लोबसांग सांग्ये पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस पहुंचे। तिब्बती सरकार के किसी नेता का छह दशक में इस तरह का यह पहला दौरा है। अमेरिका के इस कदम से चीन की नाराजगी और बढ़ सकती है। बीजिंग अमेरिका पर यह आरोप लगता रहा है कि वह क्षेत्र में अस्थिरता पैदा करने का प्रयास कर रहा है।
केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने एक बयान में बताया कि तिब्बती मामलों के लिए अमेरिका के नवनियुक्त विशेष समन्वयक रॉबर्ट डेस्ट्रो के आमंत्रण पर सांग्ये ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस का दौरा किया। भारत के धर्मशाला स्थित केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने बयान में कहा, ‘इस अभूतपूर्व मुलाकात से अमेरिकी अधिकारियों के साथ भागीदारी बढ़ने की संभावना है।’
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने गत जुलाई में चीन पर आरोप लगाया था कि वह तिब्बतियों के मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। वाशिंगटन इस क्षेत्र की सार्थक स्वायत्तता का समर्थन करता है। हाल ही में अमेरिकी संसद ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करते हुए तिब्बत की वास्तविक स्वायत्तता और 14वें दलाई लामा द्वारा वैश्विक शांति, सौहार्द और तालमेल के महत्व के लिए किए जा रहे कार्यो को मान्यता दी थी।