नदियों और तालाबों के किनारे छठ पूजा की छूट के लिए लोगों की मांग और संगठनों के दबाव को देखते हुए झारखंड सरकार ने संशोधित दिशानिर्देश जारी कर छठ घाटों पर पूजा की अनुमति दे दी है। इससे पहले सरकार ने घाटों पर पूजा के आयोजन पर प्रतिबंध लगाते हुए लोगों से घरों में ही छठ पूजा करने की अपील की थी, लेकिन भाजपा और हिंदू संगठनों समेत झामुमो, कांग्रेस और सरकार के सहयोगी दलों ने भी जनभावना के मद्देनजर सरकार से फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया था।
मंगलवार को झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संशोधित दिशा-निर्देश के मुताबिक सुरक्षित शारीरिक दूरी के नियमों का अनुपालन करते हुए तालाबों और घाटों पर छठ पूजा की अनुमति दी गई है। राज्य सरकार ने पूर्व में तालाब, डैम, झील और नदी किनारे व घाटों पर पूजा करने पर लगी रोक के आदेश को वापस ले लिया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि छठ घाटों पर शारीरिक दूरी और कोरोना से बचाव के मद्देनजर जारी सुरक्षा के नियमों का पालन करते हुए लोग कम संख्या में लोग पूजा कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी आग्रह किया कि बेहतर यही होगा कि अधिकाधिक संख्या में घरों में ही छठ पूजा करें। नदी, तालाबों के घाटों समेत सार्वजनिक जलाशयों में कम संख्या में ही लोग जाएं। साथ ही लोग सुरक्षित शारीरिक दूरी का अवश्य पालन करें। सार्वजनिक स्थानों पर जाने वाले लोग मास्क का उपयोग भी सुनिश्चित करें।
- शारीरिक दूरी का ख्याल रखना जरूरी होगा
- सभी को मुंह पर मास्क लगाना होगा
- सार्वजनिक जगहों पर थूकना वर्जित होगा, नदी-तालाब में भी नहीं
- नदी, तालाब या डैम के किनारे किसी प्रकार का स्टॉल नहीं लगेगा
- पटाखों पर पाबंदी रहेगी
- किसी तरह का सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होगा
- नयिमो का अनुपालन सुनिश्चित कराने में छठ समितियां प्रशासन का सहयोग करेंगी
- नियमों की अनदेखी पर होगी आपदा प्रबंधन नियमों के तहत होगी कार्रवाई
नहाय-खाय के साथ आज शुरू होगा छठ महापर्व
बुधवार को नहाय-खाय (कद्दू-भात) के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व का आयोजन होगा। लोक आस्था के इस महापर्व पर व्रती शुक्रवार को नदियों, तालाबों और अन्य जलाशयों के किनारे अस्ताचलगामी सूर्य तथा शनिवार अलसुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देंगे। कोरोना काल में इस बार छठ महापर्व के आयोजन पर भी विशेष एहतियात बरते जा रहे हैं।
फिलहाल विपरीत समय है। कोरोना का संक्रमण अभी वातावरण में है। इसका कोई इलाज नहीं है और इलाज खुद आपके हाथ में है। आप अधिक से अधिक वक्त तक घरों में रहकर त्योहार को मनाएं।’ -हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री, झारखंड।