राहुल गांधी को अपरिपक्व राजनेता बताने के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी किताब में कांग्रेस के अंदरूनी मामलों को लेकर राय जाहिर की है। उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह को इसलिए प्रधानमंत्री बनाया था, क्योंकि उन्हें मनमोहन सिंह से कोई खतरा महसूस नहीं होता था। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि सोनिया ने मनमोहन को प्रधानमंत्री बनाने के लिए काफी सोच विचार किया।
‘ए प्रॉमिस्ड लैंड’ में ओबामा लिखते हैं कि प्रधानमंत्री पद पर मनमोहन सिंह के पहुंचने को कई बार जातीय विभाजन पर भारत की जीत के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, लेकिन यह बात ठीक नहीं है। मनमोहन के प्रधानमंत्री बनने के पीछे असल कहानी सभी का पता है। वह पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं थे। ओबामा ने कहा कि यह पद उन्हें तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिया था। कई राजनीतिक समीक्षकों का तो यह भी मानना है कि उन्होंने बुजुर्ग सिख को इसलिए चुना क्योंकि उनका कोई राष्ट्रीय राजनीतिक आधार नहीं था और वह उनके 47 वर्षीय बेटे राहुल के लिए कोई खतरा नहीं थे।
बोलने से ज्यादा सुन रही थीं सोनिया
वर्ष 2010 में भारत आए पूर्व राष्ट्रपति ने अपनी किताब में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के आवास पर आयोजित एक रात्रिभोज का भी जिक्र किया है। पार्टी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों नेता शामिल थे। ओबामा लिखते हैं, ‘सोनिया गांधी बोलने से ज्यादा सुनने पर गौर कर रही थीं। इसके अलावा बातचीत में वह चर्चा को अपने बेटे की तरफ मोड़ देती थीं।
कई मायनों में सफल मानी जा सकती है आधुनिक भारत की कहानी
किताब में ओबामा ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मुलाकात और अनौपचारिक बातचीत का भी जिक्र किया। ओबामा ने लिखा कि भारत की अर्थव्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन के मुख्य शिल्पकार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे और वह इस प्रगति गाथा के सही प्रतीक हैं।
पाक सेना के थे अलकायदा से संबंध: ओबामा
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि उन्होंने एबटाबाद में लादेन के ठिकाने पर छापा मारने के अभियान में पाकिस्तान को शामिल करने से इन्कार कर दिया था। इसके पीछे वजह यह थी कि पाकिस्तानी सेना, खासकर उसकी खुफिया सेवा में कुछ लोगों के तालिबान और संभवत: अलकायदा से संबंध थे और वे कई बार अफगानिस्तान एवं भारत के खिलाफ इनका इस्तेमाल करते थे। उन्होंने यह भी कहा कि इस अत्यधिक खुफिया अभियान का तत्कालीन रक्षा मंत्री राबर्ट गेट्स और पूर्व उपराष्ट्रपति एवं मौजूदा निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने विरोध किया था। ओबामा ने अपनी किताब में राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल में एबटाबाद में अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को मारे जाने की जानकारी दी है।