रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के बाद मृतक डिजाइनर अन्वय नाइक की पत्नी अक्षता नाइक ने महाराष्ट्र पुलिस की कार्रवाई को सही ठहराया। अक्षता नायक ने आगे कहा कि मेरे पति और मेरी सासू मां तो हमें वापस नहीं मिल सकते मगर वह मेरे लिए हमेशा जिंदा रहेंगे। मैं महाराष्ट्र पुलिस को धन्यवाद बोलना चाहूंगी मगर लेट से कार्रवाई पर दुख जताते हुए कहा कि यह काफी देर से आया। हालांकि इस दौरान मैंने काफी धैर्य रखा।
I really want to thank Maharashtra police that this day has come in my life. I kept a lot of patience. Although my husband and mother-in-law will not come back with this but they are still alive for me: Akshita Naik, wife of late Anvay Naik on Arnab Goswami's arrest#Maharashtra pic.twitter.com/obtlLPhz0n
— ANI (@ANI) November 4, 2020
अक्षता नायक ने अर्नब पर लगाए गंभीर आरोप
अक्षता नाइक ने अर्नब गोस्वामी पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, ‘मेरे पति ने सुसाइड नोट छोड़ा था, उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। सुसाइड नोट में फिरोज शेख, अर्नब गोस्वामी के स्पष्ट नाम थे। यह मामला मई 2018 का है। जिसमें 53 वर्षीय वास्तुविद अन्वय नाईक ने अलीबाग के अपने बंगले में आत्महत्या कर ली थी। जिस दिन उसने आत्महत्या की थी, उसी दिन उसकी मां कुमुद का शव भी उसी कमरे में सोफे पर लेटा मिला था। जबकि अन्यव का शव पंखे से लटका मिला था। तब पुलिस का अनुमान था कि अन्वय ने ही अपनी मां का गला दबाने के बाद खुद आत्महत्या कर ली थी।
अन्वय ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा था। जिसमें तीन कंपनियों पर उसका भुगतान न करने का आरोप लगाया था। उसके सुसाइड नोट के मुताबिक अर्नाब की रिपब्लिक मीडिया पर उसके 83 लाख रुपए, फिरोज शेख की आईकास्टएक्स/स्काईमीडिया पर चार करोड़ रुपए एवं नीतेश शारदा के स्मार्टवर्क्स पर 55 लाख रुपए बकाया होने का आरोप लगाया था।
रायगढ़ पुलिस ने करीब एक साल इस मामले की जांच करने बाद अप्रैल 2019 में यह कहते हुए मामला बंद कर दिया था कि उसे जांच में आरोपियों के विरुद्ध कोई तथ्य नहीं मिला है। केस बंद किए जाने के बाद अन्वय का परिवार करीब साल भर चुप्पी साधे रहा। फिर मई 2020 में अन्वय की पुत्री आज्ञा नाईक ने राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख से मिलकर इस मामले की पुनः जांच की मांग उठाई। देशमुख कहते हैं कि अन्वय की पुत्री आज्ञा ने मुझसे शिकायत की कि अलीबाग पुलिस ने उसके पिता के सुसाइड नोट में बताए गए बकाया भुगतान के संबंध में कोई जांच नहीं की है। तो मैंने सीआईडी को इस मामले की पुनः जांच के आदेश दे दिए हैं।