गुजराती फिल्मों के सुपरस्टार नरेश कनोडिया का मंगलवार सुबह निधन हो गया। वे कोरोना से संक्रमित थे तथा अहमदाबाद के यू एन मेहता कोविड-19 स्पेशल अस्पताल में भर्ती थे। दो दिन पहले ही उनके बड़े भाई एवं पूर्व सांसद महेश कनोडिया का भी लंबी बीमारी के बाद निधन हुआ था। गुजराती फिल्मों में करीब चार दशक तक अभिनय की पारी खेलने वाले गुजराती सुपरस्टार एवं संगीतकार नरेश कनोडिया ने मंगलवार सुबह अंतिम विदाई ली। नरेश कनोडिया कुछ दिनों से कोरोना संक्रमित हो गए थे। अहमदाबाद में उपचार चल रहा था।1943 में मेहसाणा के कनाडा गांव में जन्म लेने वाले नरेश कनोडिया ने 150 से अधिक फिल्मों में संगीत दिया तथा 100 से अधिक फिल्मों में अपने अभिनय की छाप छोड़ी। नरेश कनोडिया को दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने एक हिंदी फिल्म छोटा आदमी में भी अभिनय किया था, 1970 में नरेश ने गुजराती फिल्मों में काम शुरु किया तथा करीब 40 वर्ष तक गुजराती सिनेमा को कई सुपर-डुपर फिल्म वह संगीत दिया।
हिट फिल्मों के पर्याय : 90 के दशक में नरेश कनोडिया की गुजराती फिल्म जगत में तूती बोलती थी, नरेश कनोडिया हिट फिल्मों के पर्याय बन चुके थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते नरेश कनोडिया को भारतीय जनता पार्टी में शामिल कर विधानसभा का टिकट दिया, नरेश कनोडिया गुजरात विधानसभा के सदस्य बने। उनके पुत्र अभिनेता हितु कनोडिया भाजपा के विधायक हैं। नरेश कनोडिया के बड़े भाई महेश कनोडिया का लंबी बीमारी के बाद गत 25 अक्टूबर को गांधीनगर में उनके आवास पर निधन हो गया था। महेश व नरेश कनोडिया के आखिरी मिलन के वक्त दोनों एक गीत “तेरे बिना जीना कहां” गाते नजर आए, इस वीडियो को उनके पुत्र हितु ने सोमवार को ही सोशल मीडिया पर जारी किया था। महेश कनोडिया गुजरात के जाने-माने संगीतकार रहे तथा अपने छोटे भाई नरेश कनोडिया के कैरियर को संवारने में भी उनका खासा योगदान रहा। महेश कनोडिया खुद पाटन से सांसद रह चुके हैं। हितु कनोडिया नरेश कनोडिया के पुत्र हैं तथा उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। हितु उत्तर गुजरात के कड़ी से भाजपा के विधायक हैं तथा गुजराती फिल्म के अभिनेता भी हैं।