वाशिंगटन, एएनआइ। दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी का कहर तेजी से फैल रहा है। इस बीच कोरोना वायरस के अध्ययन से नई और रोचक बातें भी सामने आ रही है। हाल ही हुए एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कोरोना संक्रमण का खतरा कम होता है। सर्वे के मुताबिक, पुरुषों और महिलाओं में कोरोना का असर अलग-अलग देखा गया है।
एक नए अध्ययन के निष्कर्षों में कहा गया है कि महिलाओं में कोरोना वायरस का कम खतरे का कारण पुरुषों की तुलना में उनके द्वारा अनुभव की जाने वाली कम भेद्यता और मृत्यु दर के कारणों में से एक हो सकता है, जो महामारी के शुरुआती चरण में सामने आए हैं। यह अध्ययन पीएनएएस (प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज) पत्रिका में प्रकाशित हुआ था। आर्थिक सहयोग और विकास देशों के आठ संगठनों के मार्च-अप्रैल 2020 में किए गए एक सर्वेक्षण कके मूल डेटा COVID-19 से संबंधित मान्यताओं और व्यवहारों में बड़े लिंग अंतर दिखाते हैं। शोध में कहा गया है कि महिलाएं कोरोना महामारी को बहुत गंभीर स्वास्थ्य समस्या के रूप में देखती हैं और इसलिए महिलाओं के निरोधक उपायों के साथ सहमत और उसका अनुपालन करने की संभावना है। व्यवहार में लिंग अंतर सभी देशों में बड़े आकार का है। शोधकर्ता बताते हैं कि उनके परिणाम अंतर सामाजिक वांछनीयता पूर्वाग्रह के कारण नहीं हैं।
सर्वे के मुताबिक, दुनिया भर में महिलाएं पुरुषों की तुलना में COVID-19 को बहुत गंभीर स्वास्थ्य समस्या (मार्च में 59 फीसदी और अप्रैल में 39.6 फीसदी के मुकाबले 59 फीसदी) मानती हैं। वे सार्वजनिक नीतियों से सहमत होने के लिए अधिक इच्छुक हैं, जैसे कि गतिशीलता प्रतिबंध और शारीरिक दूरी (एक सूचकांक में 47,7 के खिलाफ 54,1) जो मार्च में 1 से 100 तक और अप्रैल में 37,4 के खिलाफ 42,6 है। यह अध्ययन पीएनएएस (प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज) पत्रिका में प्रकाशित हुआ था।