नई दिल्ली, एजेंसी। पूरे विश्व को कोरोना महामारी की चपेट में लाने वाले चीन ने अब इसके टीके को जल्द बाजार में उतारने की कवायद तेज कर दी है, यानी पहले महामारी फैलाकर पूरी दुनिया को पंगु बनाना और बाद में उसका टीका बनाकर जल्द उससे पैसा कमाने की होड़ में शामिल होना चाहता है।
बता दें कि चीन अपनी कोरोना वैक्सीन के फेज-3 ट्रायल को पूरा किए बिना ही टीकाकरण अभियान को विस्तार देने जा रहा है। अब चीन में बड़े पैमाने पर लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि बिना पुख्ता रिजल्ट और हड़बड़ी में बड़ी आबादी को वैक्सीन देने का फैसला खतरनाक हो सकता है। चीन यह कोशिश सिर्फ इसलिए कर रहा है जिससे कि उसकी कोरोना वैक्सीन की दुनिया भर में मांग बढ़ सके।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की वैक्सीन उत्पादक कंपनियां खतरनाक रास्ते पर चल रही हैं। चीन की कंपनियां दुनिया के वैक्सीन बाजार पर कब्जा करना चाहती हैं। पिछले महीने ही चीनी कंपनी सिनोफार्म ने दुनिया को चौंकाते हुए ऐलान किया था कि लाखों चीनी लोगों को पहले ही कोरोना वैक्सीन दी जा चुकी है। पिछले जुलाई में चीन की सरकार ने दो कोरोना वायरस वैक्सीन के सीमित उपयोग की इजाजत दी थी जिनके फेज-3 ट्रायल अभी पूरे नहीं हुए हैं। ऐसा समझा जाता है कि चीन में हेल्थ वर्कर, सरकारी स्टाफ और अत्यधिक कोखिम वाले इलाके में ट्रैवल करने वाले लोगों को शुरुआत में कोरोना की इस वैक्सीन की खुराक दी गई है।
चीन अपने वैक्सीन प्रोग्राम को तेजी से विस्तार दे रहा है और बड़ी आबादी को जल्द मोरोना वैक्सीन लगाने जा रहा है। कोरोना वैक्सीन के वैश्विक बाजार में पहुंचने की जल्दी की वजह से चीन बड़े पैमाने पर वैक्सीन लगाने का यह फैसला कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के हर राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों से ऐसी तमाम कंपनियों और सरकारी विभाग के स्टाफ की जानकारी मांगी गई है जो कोरोना वैक्सीन लगवाने के इच्छुक हैं। इन लोगों को सर्दी से पहले वैक्सीन दी जा सकती है। चीन का मानना यह है कि देश में बड़े पैमाने पर वैक्सीन लगाने से उसके टीके की विश्वसनीयता बढ़ेगी और दुनिया भर में उसके टीके की मांग बढ़ेगी।
शातिराना चाल चलते हुए चीन इस समय अपने लोगों पर इस टीके का प्रयोग कर रहा है, इसके जो भी नतीजे सामने आएंगे उस पर चीन थोड़ा बहुत संशोधन कर इस टीके को विश्व बाज़ार में ये कहकर उतारेगा कि उसने इसका कठोरतम परीक्षण किया जिस पर ये टीका एकदम खरा उतरा और इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है, इसलिये दुनिया को ये टीका चीन से खरीदना चाहिए।
चीन ने जो टीका बनाया है उसका एक शॉट तीन सौ युआन और दो शॉट 600 युआन का लगाया जा रहा है, इस टीके को अब तक एक लाख लोगों को लगाया गया है और इन लोगों पर अभी तक कोई विपरीत असर देखने को नहीं मिला है। इससे ये साफ हो जाता है कि कोरोना महामारी फैलाने के बाद पहले तो चीन ने मेडिकल उपकरणों को दुनिया को बेचकर मुनाफा कमाया और अब कोविड-19 वैक्सीन बनाकर इसे पूरी दुनिया में उतारकर बाजी मारना चाहता है, हालांकि चीन को इससे कोई मतलब नहीं है कि लंबे समय बाद इस वैक्सीन का कोई बुरा प्रभाव लोगों में नजर आएगा तो उनपर क्या बीतेगी।