मुंबई/नई दिल्ली, पीटीआइ। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency, NIA) ने शुक्रवार को भीमा कोरेगांव मामले में आठ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र (charge-sheet) दाखिल किया। आरोपियों में सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नौलखा, दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर हनी बाबू और आदिवासी नेता फादर स्टैन स्वामी शामिल हैं। अधिकारियों ने समाचार एजेंसी पीटीआइ को बताया कि एनआइए ने आरोप पत्र में भीमा कोरेगांव में हिंसा के लिए भीड़ को उकसाने में इनकी कथित संलिप्तता की बात कही है। प्रवक्ता ने बताया कि चार्जशीट मुंबई स्थित अदालत में दाखिल कर दी गई है। जांच के दौरान आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। अन्य आरोपियों में आनंद तेलतुंबडे, ज्योति जगताप, सागर गोरखे और रमेश गाइचोर एवं अन्य शामिल हैं। NIA ने मिलिंद तेलतुमडे (Milind Teltumde) को भी आरोपी बनाया है। मिलिंद तेलतुमडे अभी भी फरार है। एनआईए ने इस साल 24 जनवरी को मामले को अपने हाथ में लिया था। बता दें कि साल 2018 में पहली जनवरी को पुणे के नजदीक भीमा-कोरेगांव में हिंसा भड़क गई थी। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि कई अन्य घायल हो गए थे।
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, एनआईए ने इस मामले में 82 वर्षीय मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टैन स्वामी को उनके रांची स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने बताया कि स्वामी को अब मुंबई ले जाया जाएगा। इस मामले में पुणे पुलिस और एनआईए के अधिकारी फादर स्वामी से पहले भी दो बार पूछताछ कर चुके हैं। बताया जाता है कि प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) से संपर्कों के चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों के मुताबिक, बृहस्पतिवार शाम को उनके घर से पहले पूछताछ के लिए लाया गया बाद में गिरफ्तारी की गई।
एजेंसी अदालत से फादर स्वामी की रिमांड मांगेगी। एनआईए का आरोप है कि वह अन्य साजिशकर्ताओं के साथ समूह की गतिविधियों को आगे बढ़ाने की खातिर संपर्क में थे। एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया कि एजेंडा को विस्तार देने के लिए स्वामी को एक सहयोगी के माध्यम से वित्तीय मदद भी मिली। वह भाकपा (माओवादी) के संगठन के पदाधिकारी भी थे। एनआईए अधिकारियों की मानें तो स्वामी के पास से समूह के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने से संबंधित साहित्य, प्रचार सामग्री तथा अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं।