महाराष्ट्र में लगेगा लॉकडाउन? CM उद्धव की अहम बैठक, तीन दिन में मिले 1 लाख केस

महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते केसों पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार की ओर से आज कोई अहम फैसला हो सकता है। सीएम उद्धव ठाकरे ने आज राज्य के सभी जिलों के कलेक्टर्स की मीटिंग बुलाई है। इस बैठक में वह राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों की समीक्षा करेंगे। सभी जिलों से रिपोर्ट लेने और बंदिशों पर सुझाव के बाद सीएम उद्धव ठाकरे की ओर से कोई बड़ा ऐलान किया जा सकता है। पूरे राज्य में कंप्लीट लॉकडाउन की उम्मीदें कम ही हैं, लेकिन सख्ती में इजाफा किया जा सकता है और कई जिलों में लॉकडाउन लग सकता है। बता दें कि महाराष्ट्र के बीड जिले में आज से लॉकडाउन की शुरुआत हो गई है, जो 4 अप्रैल तक चलेगा। इससे पहले नागपुर में भी 15 से 21 मार्च तक पूर्ण लॉकडाउन लागू था।

इस बीच उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा है कि यदि केसों में कमी नहीं आई और लोग नहीं माने तो फिर लॉकडाउन का भी फैसला लिया जा सकता है। गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए अजित पवार ने कहा कि पूरी तरह से शटडाउन को लेकर जनप्रतिनिधियों में मतभेद हैं और इस पर चर्चा की जा रही है। इस बीच उन्होंने पुणे जिला प्रशासन की मीटिंग बुलाई है, जिसमें वह जिले में कोविड से पैदा हालात पर चर्चा करेंगे। इससे पहले अजित पवार ने सीएम उद्धव ठाकरे से मिलकर पुणे समेत राज्य के तमाम हिस्सों में कोरोना को लेकर रिपोर्ट पेश की थी। बता दें कि सीएम उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे और उनके मंत्री बेटे आदित्य ठाकरे भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं।

डिप्टी सीएम बोले, लोग नहीं माने तो संभव है लॉकडाउन

अजित पवार ने कहा है कि यदि लोग नहीं माने तो फिर लॉकडाउन संभव है। परभणी, अमरावती, नांदेड़, पुणे जैसे जिलों में नाइट कर्फ्यू लागू है। इसके अलावा मुंबई में किसी भी मॉल में एंट्री के लिए कोरोना निगेटिव रिपोर्ट जरूरी है। महाराष्ट्र में लगातार एक सप्ताह से ज्यादा वक्त से 25,000 से ज्यादा नए केस सामने आ रहे हैं।

तीन दिन में महाराष्ट्र में मिले कोरोना के एक लाख नए केस

बीते 24 घंटे में महाराष्ट्र में 35 हजार से ज्यादा केस सामने आए हैं। इस तरह महज तीन दिन में ही महाराष्ट्र में एक लाख के करीब केस मिल चुके हैं। इसके बाद से ही सूबे में हड़कंप मचा हुआ है। देश भर में कोरोना के एक्टिव केसों में से 60 फीसदी मामले महाराष्ट्र के ही हैं। नागपुर, मुंबई, पुणे समेत ऐसे कई जिले हैं, जो राज्य सरकार की चिंताओं को बढ़ा रहे हैं।