उत्तर कोरिया ने गुरुवार को कहा कि वह वार्ता प्रस्ताव की तब तक अनदेखी करेगा जब तक अमेरिका उसके खिलाफ विरोधी नीतियों को नहीं छोड़ता। इससे पहले अमेरिका ने कहा था कि उसने विभिन्न चैनलों के माध्यम से उत्तर कोरिया से संपर्क साधने की कोशिश की है।
उत्तर कोरिया ने गुरुवार को कहा कि वह वार्ता प्रस्ताव की तब तक अनदेखी करेगा जब तक अमेरिका उसके खिलाफ विरोधी नीतियों को नहीं छोड़ता। इससे पहले अमेरिका ने कहा था कि उसने विभिन्न चैनलों के माध्यम से उत्तर कोरिया से संपर्क साधने की कोशिश की है। इसके बाद ही उत्तर कोरिया का यह बयान सामने आया है। विदेश मंत्री चोई सोन हुई का यह बयान दक्षिण कोरिया और अमेरिका के शीर्ष राजनयिकों और रक्षा प्रमुखों के बीच उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को लेकर पांच सालों में पहली बार संयुक्त वार्ता से पहले आया।
चोई ने आगे कहा कि हमें नहीं लगता कि इसे लेकर अमेरिका को कोई जवाब देने की जरूरत है। इसे लेकर हम पहले ही अपना रुख साफ कर चुके हैं। उत्तर कोरिया- अमेरिका के बीच किसी भी तरह की बातचीत या संपर्क तब तक संभव नहीं हो सकता, जब तक कि अमेरिका अपनी विरोधी नीतियों को वापस नहीं ले लेता। इसलिए, हम भविष्य में भी अमेरिका के ऐसे प्रयास की अवहेलना करेंगे।
किम जोंग-उन की बहन ने अमेरिका को दी थी सख्त धमकी
इससे पहले अमेरिका को तानाशाह किम जोंग-उन की बहन किम यो जोंग ने सख्त लहजे में चेतावनी दी थी और कहा था कि अगर अमेरिका चार साल शांति से रहने चाहता है तो वह हमारी जमीन पर बारूद की गंध फैलाने की कोशिश न करे और न ही यहां अस्थिरता का कारण बने। उन्होंने दक्षिण कोरिया से शांति समझौता तोड़ने की भी धमकी दी थी। क्षिण कोरिया के साथ अमेरिका का संयुक्त युद्धाभ्यास और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन व रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन की प्रस्तावित यात्रा से उत्तर कोरिया भड़क गया। इसकी वजह से उसने यह धमकी दी। चोई ने भी इस मुद्दे को उठाया और कहा कि अमेरिका ने दक्षिण कोरिया के लक्षित करते हुए खुले तौर पर आक्रामक संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू किए हैं।