पीएम मोदी ने मंगलवार शाम को फिनलैंड की पीएम सना मारिन से पहली बार बात की। ये बातचीत वर्चुअल समिट के दौरान हुई। इसमें पीएम मोदी ने कहा कि हमनें प्रकृति के साथ अन्याय किया है इसलिए वो गुस्से में है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानवजाति को बचाने और उसकी बेहतरी के लिए प्रकृति से प्रेम करने को जरूरी बताया है। उन्होंने ये बात फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन के साथ हुई वर्चुअल समिट में कही। दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच हुई ये पहली वार्ता थी। इस वर्चुअल समिट में पीएम मोदी ने जहां कोविड-19 की वजह से मारे गए फिनलैंड के नागरिकों के परिजनों को भारत की तरफ से संवेदना प्रकट की वहीं ये भी कहा कि सना ने जिस तरह से अपने देश में इस महामारी को हैंडल किया है वो इसके लिए बधाई की पात्र हैं।
भारत विश्व को कर रहा हर संभव मदद
इस समिट में पीएम मोदी पीएम सना को बताया कि भारत कैसे अपने यहां के साथ पूरी दुनिया से इस महामारी को उखाड़ फैंकने के लिए काम कर रहा है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने महामारी की शुरुआत में ही 150 से अधिक देशों को दवाइयां समेत अन्य आवश्यक सामग्री भेजकर अपने कर्तव्य का पालन किया है। इसके अलावा भारत ने स्वदेशी कोरोना वैक्सीन को भी लगभग 70 देशों को उपलब्ध कराया है। इस तरह से भारत ने अब तक वैक्सीन की करीब 6 करोड़ खुराक दुनिया के विभिन्न देशों को मुहैया करवाई हैं। पीएम मोदी ने साफ किया कि फिनलैंड भारत का काफी पुराना सहयोगी राष्ट्र है और भविष्य में भी दोनों देशों के बीच संबंधों को और अधिक मजबूत किया जाएगा।
गुस्से में है प्रकृति, इसलिए मुंह छिपाकर घूम रहे हम
इस समिट के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब पीएम मोदी ने क्लाइमेट चेंज और इसके होने वाले दुष्प्रभाव को बेहद आसान शब्दों में फिनलैंड की पीएम के सामने रखा। उन्होंने कहा कि वो अक्सर अपने मित्रों और साथियों के साथ मजाक में कहते हैं कि हमनें हमनें प्रकृति के साथ इतना अन्याय किया है और प्रकृति इतने गुस्से में है कि आज हम सभी मानवजात को, हमको मुंह दिखने लायक रखा नहीं है। इसलिए हम सभी को अपने मुंह पर मास्क बांध कर, अपना मुंह छिपा कर घूमना पड़ रहा है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि भारत ने इस दिशा में क्या कुछ प्रयास किए हैं।
भारत ने तय किए लक्ष्य
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने क्लाइमेट चेंज के मकसद को पाने के लिए लक्ष्य निर्धारित किए हैं। भारत तेजी के साथ इन्हें पाने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए रिन्यूएबल एनर्जी में भारत ने 2030 तक 450 गीगावाट इंस्टॉल्ड केपेसिटी का लक्ष्य तय किया है। साथ ही विश्व के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए इंटरनेशनल सोलर एलाइंस, कॉलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलेंट इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे इनिशिएट लिए हैं। उन्होंने फिनलैंड की पीएम से इसमें भागीदार बनने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि फिनलैंड इस क्षेत्र में विश्व में सबसे अग्रणी हैं। ऐसे में फिनलैंड के अनुभव से सभी को फायदा हो सकता है।
Speaking at the India-Finland Virtual Summit. https://t.co/mQGR0TmDlQ
— Narendra Modi (@narendramodi) March 16, 2021
सना को दिया भारत आने का निमंत्रण
इस समिट के दौरान अपने भाषण में फिनलैंड और भारत के बीच नवीनतम मोबाइल तकनीक, डिजीटल इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजीटल शिक्षा, स्किल डेवलेपमेंट और आईसीटी सहयोग की घोषणा की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस वर्चुअल समिट से दोनों देशों के संबंधों के विकास में और गति आएगी। उन्होंने कहा कि बीते एक वर्ष में हमनें काफी कुछ सीखा है। अब तकनीक के जरिए वर्चुअल समिट आदम में शामिल हो रहा है। आपको बता दें कि पीएम मोदी और फिनलैंड की पीएम सना के बीच पुर्तगाल में होने वाले भारत-ईयू समिट और डेनमार्क में होने वाले भारत-नॉर्डिक सम्मेलन में मुलाकात होगी। पीएम मोदी ने फिनलैंड की पीएम को भारत आने का निमंत्रण भी दिया है।