असम विधान सभा चुनाव के लिए कुछ ही देर में चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान करेगी। चुनाव आयोग द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा संबोधित कर रहे हैं।   चुनाव आयोग ने बताया कि असम में 2016 विधानसभा चुनाव में 24,890 चुनाव केंद्र थे, 2021 में चुनाव केंद्रों की संख्या 33,530 होगी। उन्होंने बताया कि सभी पांच राज्यों में 824 विधानसभा सीट पर मतदान होगा और सभी मतदान केंद्र ग्राउंड फ्लोर पर होंगे।

असम में  कुल 126 विधानसभा सीटें हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर कुछ राजनीतिक दलों की सिफारिश को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने मतदान के समय को एक घंटे तक बढ़ाने का फैसला लिया है। असम में कितने चरणों में चुनाव होगा और इस दौरान राज्य की कानून व्यवस्था समेत अन्य सभी प्रशासनिक शक्तियां चुनाव आयोग के हाथों में आ जाएगी।

देश के पांच राज्यों -पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बता दें कि बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट, पुडुचेरी में कांग्रेस, तमिलनाडु में AIADMK और असम में भाजपा की सरकार है। चुनाव आयोग के महानिदेशक धमेंद्र शर्मा की अगुवाई में उसके वरिष्ठ अधिकारियों के एक दल ने असम में विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए राज्य का दौरा किया था।

97 सीटों पर कांग्रेस लड़ सकती है चुनाव

बता दें कि राज्य की 97 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ सकती है और बाकी सीटें कांग्रेस अपनी सहयोगी पार्टियों के लिए छोड़ सकती है। कांग्रेस ने पांच अन्य पार्टियों के साथ महागठबंधन किया है। इनमें ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF), सीपीआई, सीपीआई (एमएल) और आंचलिक गंगा मोर्चा शामिल हैं।

2016 में भाजपा को मिला था बहुमत

वर्ष 2016 में असम में कांग्रेस को हराकर भारतीय जनता पार्टी ने असम की सीट को हासिल किया था और सर्वानंद सोनोवाल को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया था। वर्ष 2016 में भाजपा को 126 में से 86 सीटें मिली थीं। वहीं कांग्रेस को 26 सीटें और अन्य क्षेत्रीय पार्टियों द्वारा कुछ सीटों पर जीत दर्ज की गई थी।