देश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में शुमार जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (Jawaharlal Nehru University ,JNU) का नाम बदलने पर बड़ी अपडेट सामने आई है। इस संबंध में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Union Education Minister Ramesh Pokhriyal Nishank) ने लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि, सरकार के पास जेएनयू का नाम बदलने को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं है।

दरअसल मामला कुछ यूं है कि भाजपा महासचिव सीटी रवि (BJP General Secretary C T Ravi) ने पिछले साल जेएनयू का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद करने का प्रस्ताव दिया था। वहीं इस संबंध में महासचिव ने ट्वीट भी किया था। उन्होंने लिखा था, ‘यह स्वामी विवेकानंद हैं जो भारत की विचारधारा के लिए खड़े थे। उनके दर्शन और मूल्य भारत की ताकत को प्रदर्शित करते हैं। इसलिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय कर देना चाहिए। बता दें कि इसके पहले भी यूनिवर्सिटी का नाम बदलने को लेकर चर्चा उठ चुकी है।इसके पहले भाजपा के सांसद हंसराज हंस भी जेएनयू का नाम बदलने की मांग कर चुके हैं। हालांकि जेएनयू के छात्र और शिक्षक ऐसी किसी मांग का कड़ा विरोध करते रहे हैं।

वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जेएनयू के प्रोफेसर और शिमला स्थित भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान के निदेशक प्रो. मकरंद परांजपे ने इस मांग को सिरे से खारिज किया था। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया में कहा था कि जो इस तरह की मांग करते हैं वे स्वामी विवेकानंद के नाम पर विशाल और अच्छा विश्वविद्यालय बनाएं। नया विश्वविद्यालय बनाएं, जेएनयू का नाम क्यों बदलना है?

वहीं इसके बीच में हाल ही में जेएनयू कैंपस को दोबारा खोल दिया गया है। इसके तहत हाल ही में एमबीए, एमटेक, एमफिल और एमबीए के फाइनल ईयर के छात्र-छात्राओं के लिए यूनिवर्सिटी खोल दी गई है। कैंपस और हॉस्टल दोनों में आने की अनुमति दे दी गई है। इसके अलावा विश्वविद्यालय के बी आर अंबेडकर सेंट्रल लाइब्रेरी ने भी फिर से खुलने की घोषणा की गई थी।