आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में अंधश्रद्धा के चक्कर में हत्या की सनसनीखेज वारदात सामने आई है। एक उच्च शिक्षित दंपती ने अपनी दो बेटियों की कथित तौर पर इस उम्मीद में हत्या कर दी कि कलियुग समाप्त होकर सतयुग आने वाला है और दैवीय शक्ति से वे कुछ घंटों में फिर से जिंदा हो जाएंगी। पुलिस इस दंपती को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। इस बात की जांच की जा रही है कि उच्च शिक्षित होने के बावजूद दंपती ने ऐसा कदम क्यों उठाया?

पुलिस ने बताया कि लड़कियों के पिता ने रविवार रात बेटियों की हत्या के बाद खुद ही अपने एक सहकर्मी को फोन कर इसकी जानकारी दी थी। इससे सहमे सहकर्मी ने तुरंत पुलिस को वारदात की जानकारी दी। पुलिस फौरन मौके पर पहुंची और उन्होंने दंपती को बेहोशी की हालत में पाया। पुलिस को संदेह है कि परिवार कुछ समय से किसी रहस्यमय गतिविधियों में शामिल था।

बेटी की हत्या से पहले उसका मुंडन भी किया गया

मदनपल्ली के डीएसपी रवि मनोहरचारी के अनुसार, लड़कियों की मां ने दोनों की हत्या की। एक बेटी की हत्या से पहले उसका मुंडन भी किया गया था। पिता वहां खड़ा सब देख रहा था और मां ने ही हत्याएं कीं। पहले छोटी बेटी को त्रिशूल से मारा गया और फिर बड़ी बेटी की डंबल से हत्या की गई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दंपती ने खुद भी जान देने की योजना बनाई थी, लेकिन समय रहते पुलिस वहां पहुंच गई, जिससे वे खुदकुशी नहीं कर सके।

पोस्ट ग्रेजुएट और स्वर्ण पदक विजेता हैं उसकी पत्नी

लड़कियों के पिता वी. पुरुषोत्तम नायडू – एम. एससी, पीएचडी है और मदनपल्ली में सरकारी महिला डिग्री कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर होने के साथ ही वाइस प्रिंसिपल भी है। जबकि उसकी पत्नी पद्मजा पोस्ट ग्रेजुएट और स्वर्ण पदक विजेता है। वह एक स्थानीय निजी स्कूल की प्रिंसिपल है।

दंपती की 27 वर्षीय बड़ी बेटी एलिकख्या भोपाल में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही थी और 22 वर्षीय छोटी बेटी साई दिव्या – एआर रहमान के केएम संगीत संरक्षणशाला में थी। दोनों ही लड़कियां कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के समय से ही माता-पिता के साथ रह रही थीं। डीएसपी ने बताया कि दंपती ने उनसे कहा कि एक दिन का इंतजार करें, उनकी बेटियां जीवित हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि सुशिक्षित परिवार में ऐसी घटना हैरानी की बात है।

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