आज से होलाष्टक लग गया है। यह 28 मार्च तक चलेगा। मान्यता के अनुसार होलाष्टक में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। सूर्य के मीन राशि में प्रवेश के साथ खरमास का आरंभ हो चुका है। खरमास में मांगलिक कार्यों को करना शुभ नहीं होता है। आइए ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास से जानते हैं कि होलाष्टक में क्या नहीं करना चाहिए और क्या नहीं।

होलाष्टक में क्या नहीं करना चाहिए:

होलाष्टक के 8दिनों तक शादी ब्याह जैसे कार्य नहीं किए जाते हैं। ये अशुभ माना जाता है। इसके साथ ही भूमि, भवन और वाहन आदि की भी खरीदारी को शुभ नहीं माना जाता है। वहीं, नवविवाहिताओं को इन दिनों में मायके में रहने की सलाह दी जाती है। हिंदू धर्म में 16 प्रकार के संस्कार किए जाते हैं। इनमें से किसी भी संस्कार को संपन्न नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, दुर्भाग्यवश इन दिनों किसी की मौत होती है तो उसके अंत्येष्टि संस्कार के लिये भी शांति पूजन कराया जा सकता है। इसके साथ ही इस दौरान किसी भी प्रकार का हवन- यज्ञ कर्म भी इन दिनों में नहीं किए जाते हैं।

होलाष्टक में क्या करना चाहिए:

होलाष्टक के दौरान पूजा-पाठ करने पर विशेष पुण्य प्राप्त होता है। इस दौरान मौसम में तेजी से बदलाव होता है। इसलिए अनुशासित दिनचर्या को अपनाने की इन दिनों सलाह दी जाती है। होलाष्टक में स्वच्छता और खानपान का उचित ध्यान रखा जाना चाहिए। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा की जानी चाहिए। होलाष्टक में भले ही शुभ कार्यों के करने की मनाही होती है लेकिन इन दिनों भक्त अपने अराध्य देव की पूजा कर सकता है। व्रत उपवास करने से भी आपको पुण्य फल मिलते हैं। इन दिनों में धर्म कर्म के कार्य वस्त्र अनाज व अपनी इच्छा व सामर्थ्य के अनुसार जरुरतमंदों को धन का दान करने से भी आपको लाभ मिल सकता है।

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