कांग्रेस ने गुरुवार को उन आरोपों की न्यायिक जांच की मांग की कि एक स्वीडिश कंपनी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से जुड़ी कंपनी को एक लक्जरी बस दी थी।

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा- बस अनुबंध से जुड़ा घोटाला चिंता का विषय है और पीएम मोदी खामोश हैं

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा, ‘बस अनुबंध से जुड़ा घोटाला चिंता का विषय है और सार्वजनिक जीवन में शुचिता की बात करने वाले प्रधानमंत्री इस पर खामोश हैं। वह इसके बारे में बात भी नहीं करना चाहते।’ उन्होंने कहा, ‘हम इस मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हैं और आशा करते हैं कि सरकार इस पर संज्ञान लेगी तथा अपने पहले के कई घोटालों की तरह इस पर पर्दा नहीं डालेगी।’ कांग्रेस नेता ने कुछ तस्वीरें भी जारी कीं और दावा किया कि इन तस्वीरों में स्वीडिश कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) समेत कई शीर्ष अधिकारी गडकरी के साथ नजर आ रहे हैं।

गडकरी ने दी कानूनी कदम उठाने की चेतावनी

सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के कार्यालय ने एक बयान जारी कर इन आरोपों को शरारतपूर्ण, मनगढ़ंत और आधारहीन करार दिया है। बयान के मुताबिक, ‘स्कैनिया बस से जुड़ा पूरा प्रकरण स्वीडिश कंपनी का आंतरिक मामला है।

स्कैनिया के प्रवक्ता ने कहा- गडकरी का स्कैनिया बस की खरीद या बिक्री से कोई लेनादेना नहीं 

स्कैनिया के प्रवक्ता ने बयान जारी कर यह स्पष्ट किया कि गडकरी और उनके परिवार के सदस्यों का किसी स्कैनिया बस की खरीद या बिक्री से कोई लेनादेना नहीं है। न ही उनका ऐसी किसी कंपनी या व्यक्ति से कोई लेनादेना है जो बस की खरीद से जुड़े हो सकते हैं।’

स्कैनिया के प्रवक्ता ने कहा- विदेशी मीडिया गडकरी के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने से बचें

बयान में आगे कहा गया है, ‘स्कैनिया के प्रवक्ता द्वारा गडकरी व उनके परिवार को दोषमुक्त करने संबंधी स्पष्टीकरण की रोशनी में हम मीडिया खासकर विदेशी मीडिया से अनुरोध करते हैं कि गडकरी व उनके परिवार के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने से बचें। अगर मीडिया गडकरी और उनके परिवार को निशाना बनाने से बाज नहीं आया तो केंद्रीय मंत्री व उनका परिवार अपनी प्रतिष्ठा और सत्यनिष्ठा की रक्षा के लिए सभी जरूरी कानूनी कदम उठाने के लिए विवश हो सकता है।’

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