विधान भवन में बोतलों में पेट्रोल व डीजल लेकर पहुंचे सपा के नेता

उत्तर प्रदेश विधान मंडल का बजट सत्र गुरुवार को राज्यपाल आनंदी बेन के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अभिभाषण से आरंभ होगा। योगी आदित्यनाथ सरकार अपने कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट प्रस्तुत करेगी। विपक्ष भी सरकार की घेराबंदी करने के लिए कमर कसे है। इसके चलते सत्र हंगामेदार रहना तय है।

विधानमंडल सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण से पहले ही बड़ी संख्या में समाजवादी पार्टी के विधायक तथा विधान परिषद सदस्य विधान भवन प्रांगण में हंगामा कर रहे हैं। यह लोग चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास बैठकर सरकार विरोधी नारेबाजी कर रहे हैं। यह लोग पेट्रोल तथा डीजल के दाम में लगातार बढ़ोतरी के साथ ही कानून-व्यवस्था को लेकर नारेबाजी कर रहे हैं।

विधान भवन जैसे संवेदनशील स्थान पर समाजवादी पार्टी के नेता तमाम सुरक्षा इंतजाम को धता बता बोतलों में पेट्रोल तथा डीजल लेकर प्रवेश कर गए। इस दौरान इन लोगों ने पेट्रोल तथा डीजल से भरी बोतलों के साथ प्रदर्शन किया।

विधान भवन में धरना पर बैठे समाजवादी पार्टी के नेता किसानों की समस्या के साथ महंगाई तथा कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान आंदोलन के समर्थन में समाजवादी पार्टी के विधायक ट्रैक्टर पर गन्ना लेकर विधान भवन पहुंचे हैं।

विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह साजन तथा आनंद भदौरिया की इस दौरान सड़क पर काफी देर तक पुलिस से झड़प भी होती रही। इस दौरान विधानसभा मार्ग पर यातायात को रोक दिया गया है। किसी भी प्रकार के वाहन को इस मार्ग पर चलने की अनुमति नहीं है।

कोरोना संकट काल में 2021-22 में विधानमंडल के इस प्रथम सत्र में कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों के इंतजाम हैं। सदन के भीतर सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन करते हुए सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गयी है। राज्यपाल आनंदीबेन सुबह 11 बजे संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। इस दौरान विपक्ष के हंगामा करने की संभावना है। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित की अध्यक्षता में बुधवार दोपहर एक बजे संपन्न बैठक में नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने कहा लगभग छह माह बाद हम कोविड-19 संक्रमण की चुनौतियों का सामना करते हुए फिर मिल रहे हैं। सदन की मर्यादा को बनाए रखते हुए यदि गंभीर चर्चा हो तो सदस्यों की गरिमा और लोकतंत्र के प्रति आमजन की आस्था भी बढ़ेगी। सदन में हम सबका आचरण समाज को प्रभावित करता है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार कार्यवाही सफलतापूर्वक संचालित करने और सदस्यों के उठाए मुद्दों पर चर्चा के लिए सदैव तत्पर है। पूरा प्रयास होगा कि सभी विषयों पर सकारात्मक कार्यवाही हो।

सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन की कार्यवाही व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए सहयोग देने का आग्रह किया। योगी ने रचनात्मक व सार्थक बहस और विचार-विमर्श को बढ़ावा देने के लिए सदन की कार्यवाही अधिकतम समय तक चलाने की प्रतिबद्धता दोहरायी।

बजट 22 को, उसी दिन से ही अभिभाषण पर चर्चा: कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सदन के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि सदन 18 फरवरी से 10 मार्च तक घोषित कार्यक्रमानुसार संचालित होगा। 18 फरवरी को प्रात: 11 बजे राज्यपाल का विधान मंडल की संयुक्त बैठक में अभिभाषण होगा। 19 फरवरी को अभिभाषण पर चर्चा आरंभ नहीं होगी। निधन के निर्देश तथा नियम-56 लिए जाएंगे। 22 फरवरी को प्रात: 11 बजे वित्त मंत्री सुरेश खन्ना 2021-22 का आय-व्यय का प्रस्तुतीकरण करेंगे। इसके बाद अभिभाषण पर चर्चा आरंभ होगी। सदन की कार्यवाही पेपरलेस बनाने का संकल्प भी दोहराया गया। इस बैठक में रमापति शास्त्री, स्वामी प्रसाद मौर्या, गुलाब देवी, फतेह बहादुर सिंह व योगेंद्र उपाध्याय के साथ प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे व प्रमुख सचिव संसदीय कार्य जेपी सिंह भी उपस्थित थे।

सबसे बड़े राज्य में ई-बजट पेश होगा: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस सत्र में सबसे बड़े राज्य का पहला ई-बजट प्रस्तुत होगा। सत्ता पक्ष व विपक्ष की सामूहिक जिम्मेदारी है कि इस दौरान ऐसा वातावरण रहे जो अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय हो। विधानसभा अध्यक्ष दीक्षित ने कहा कि देश की सबसे बड़ी विधान सभा होने के नाते हमारा दायित्व है कि हम संविधान के प्रति प्रतिबद्ध परंपरा व संस्कृति के साथ निष्ठावान होकर सदन की कार्यवाही मधुरतापूर्वक चलायें।

विपक्ष को पूरा मौका दें, नियमानुसार सत्र चलाएं: सरकार के आग्रह पर सहमति जताते हुए नेता विरोधी दल राम गोविन्द चौधरी ने कहा कि संसदीय परंपरा पूरी कराने की अहम जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की होती है। आम जनता से जुड़े मुद्दों को सदन में उठाना विपक्ष का नैतिक दायित्व है। सरकार को विपक्ष को भरपूर मौका देना चाहिए। चौधरी ने कार्यवाही का संक्षिप्त कार्यक्रम जारी करने पर चिंता व्यक्त की। बसपा दलनेता लालजी वर्मा ने कहा कि सरकार को जनसमस्याओं से मुंह नहीं मोडऩा चाहिए। कांग्रेस विधानमंडल दल नेता आराधना मिश्रा मोना ने बजट पर 21 दिन चर्चा होने का नियम पालन कराने की मांग की। अपना दल एस के दलनेता नील रतन पटेल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर के स्थान पर त्रिवेणी राम मौजूद थे। संचालन संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने किया।

मंत्री तैयारी से आएं, सभी विधायक मौजूद रहें: बजट सत्र के लिए भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने मंत्रियों को पूरी तैयारी करके आने और विधायकों को सदन में अनिवार्य रुप से उपस्थित रहने को कहा है। माना जा रहा है कि इस सत्र में विपक्ष काफी हमलावार मूड में है, इसी कारण भाजपा ने भी अपनी तैयारी कर ली है। विधानमंडल दल की बैठक में दलनेता योगी आदित्यनाथ ने बजट सत्र के दौरान विधायक तथा मंत्रियों को सत्तापक्ष की मजबूती बनाए रखने के टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि सभी मंत्रियों को अपने विभागों के बारे में पूरी तैयारी करके आना चाहिए। विधानसभा में कैबिनेट मंत्री सवालों का जवाब दे रहे हो तो राज्यमंत्री को विधानपरिषद के लिए तैयार होकर आना चाहिए। उन्होंने विधायकों से सदन में शतप्रतिशत उपस्थिति के निर्देश दिए। उनका कहना था कि सदन में संयमित व्यवहार के जरिए विधायकों को सरकार का पक्ष मजबूत करना चाहिए। योगी आदित्यनाथ ने नए विधायकों को बोलने का मौका अधिक देने पर बल दिया। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा कि पंचायत चुनाव के बाद विधानसभा के आम चुनाव भी होंगे। सभी विधायकों का दायित्व है कि पार्टी को ताकत देने का काम करें। उन्होंने पंचायत चुनाव में पार्टी जिसे उम्मीदवार तय करें उसे गंभीरता से चुनाव लड़ाया जाए। उन्होंने कहा कि सदन के भीतर भी विधायकों को बेहतर परफोरमेंस दिखाना चाहिए। विपक्ष के सवालों को तर्कपूर्ण संक्षिप्त व संयमित जवाब देना चाहिए। बैठक में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने विधायकों से विपक्ष के दुष्प्रचार का जवाब देने के साथ अपनी बात मजबूती से सदन के भीतर उठाने पर जोर दिया। उन्होंने पेपरलेस कार्यप्रणाली अपनाने का अभ्यास बनाने को कहा। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डा. दिनेश शर्मा के अलावा अधिकतर मंत्री और विधायक उपस्थित रहेे।

अपने-अपने अंदाज में विपक्षी दल होंगे हमलावर: विधानमंडल के बजट सत्र के पहले दिन हंगामे के आसार है। कानून व्यवस्था, महंगाई, भ्रष्टाचार व गन्ना मूल्य जैसे किसानों के मुद्दे आदि को लेकर सभी विपक्षी एकजुटता के बजाए अपने अपने तरीके से सरकार पर हमलावर रहेंगे। समाजवादी विधायक विरोध प्रदर्शन करेंगे। बहुजन समाज पार्टी के सदस्य सरकार को जवाबदेह बनने के लिए दबाव बनाएंगे। वहीं कांग्रेस विधायक पूरे सत्र के दौरान विरोध करते रहेंगे। विधान सभा चुनाव निकट होने के कारण सभी विरोधी दल अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश करेंगे। बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को विधायकों को किसानों व जनहित से जुड़े अहम मुद्दो और ध्वस्त कानून व्यवस्था पर सरकार को घेरने के निर्देश दिए। पार्टी के उपनेता उमाशंकर सिंह के गोमतीनगर आवास पर बैठक में मायावती के दिशा निर्देशों पर अमल का फैसला लिया गया। मायावती ने लिखा कि यूपी में विधानसभा व पंचायत चुनाव से पहले नेताओं, वकीलों व व्यापारियों आदि की हत्याओं का दौर शुरू हो जाना चिंताजनक, अतिदुखद व निंदनीय है। इन घटनाओं को गंभीरता से न लेकर इन्हें पुरानी रंजिश आदि बताकर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करना। सरकार ध्यान दें। नेता विरोधी दल राम गोविन्द चौधरी ने कहा कि हर मोर्चे पर फेल रही सरकार को बेनकाब किया जाएगा। समाजवादी पार्टी सदन के भीतर व बाहर कुशासन का जोरदार विरोध करेगी। कांग्रेस विधानमंडल दल नेता आराधना मिश्रा मोना ने गांधीवादी तरीके से विरोध जताने की बात कही।