पंजाब के स्‍थानीय निकाय चुनावों में भारी जीत से कांग्रेस बेहद उत्‍साहित है। पार्टी को इसके बाद 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी जोश मिला है। इस जीत से उत्‍साहित पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष सुनील जाखड़ ने 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया। उन्‍होंने ‘कैप्‍टन फार 2022’ (Captain For 2022) अभियान लांच कर दिया। जाखड़ ने साफ कहा कि 2022 में होनेवाले विधानसभा चुनाव कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्‍व में लड़ा जाएगा।

यहां पत्रकारों से बातचीत में सुनील जाखड़ ने कांग्रेस की जीत का सेहरा पार्टी कार्यकर्ताओं के सिर बांधा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व पार्टी की नीतियों की जीत हुई है। वहीं, पंजाब को टुकड़ों-टुकड़ों में बांटने की साजिश रचने वाली पार्टियों की हार हुई है। जाखड़ ने सात नगर निगम और 98 नगर काउंसिल व नगर पंचायतों में कांग्रेस की जीत का परचम लहराने के बाद कैप्टन फार 2022 को लांच किया। इसके साथ ही जाखड़ ने स्पष्ट कर दिया कि 2022 में कांग्रेस मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी।

जाखड़ ने कहा, पंजाब के लोगों ने इतना बड़ा फतवा देकर पार्टी के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी डाली है। जो लोग निकाय चुनाव को 2022 का सेमीफाइनल बता रहे थे, हकीकत में यह कांग्रेस के लिए लांचिक पैड है। कैप्टन फार 2022 को लेकर उन्होंने कहा लोगों ने कैप्टन सरकार की नीतियों को समर्थन दिया है। कांग्रेस डेवलपमेंट के एजेंडे पर 2022 का चुनाव लड़ेगी।

शिअद और भाजपा का फिर हो सकता है गठबंधन

सुनील जाखड़ ने कहा कि चुनाव में पंजाब के टुकड़े-टुकड़े करने की नीति अपनाने वाली भाजपा और उसका साथ देने वाली शिरोमणि अकाली दल को लोगों ने आइना दिखा दिया है। दोनों ही पार्टियां पंजाब के डिस्टर्ब करना चाहती थीं। जाखड़ ने कहा कि निकाय चुनाव में हार के बाद इस बात की पूरी-पूरी संभावना है कि दोनों ही पार्टियों एक बार फिर से एक साथ हो जाएं।

जाखड़ ने कहा कि दोनों पार्टियों भले ही एक दूसरे से अलग होने का दिखावा कर रही हों लेकिन हकीकत में दोनों एक साथ ही है। चुनाव में हार के बाद अब ये दोनों फिर से एक साथ हो सकती है। बस देखना यह होगा कि क्या शिरोमणि अकाली दल के नेता भाजपा नेता से जाकर माफी मांगते हैं या भाजपा नेता बादल से जाकर माफी मांगते हैं। जाे भी हो, लेकिन होंगे दोनों एक साथ ही।

सोशल मीडिया से कुछ नहीं होता

उन्‍होंने आम आदमी पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर पंजाब की नकारात्मक छवि बनाने की कोशिश करने वाली पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया है। यह दूसरा मौका है जब आप को करारा झटका लगा है। सोशल मीडिया पर तो आम आदमी पार्टी खासी सक्रिय रहती है लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है। यहां तक भी आप के एक मात्र सांसद भगवंत मान के संगरूर में भी आप का सूपड़ा साफ हो गया।

जाखड़ ने कहा कि‍ आप नेता अमन अरोड़ा के सुनाम का भी यही हाल है। आप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान कभी भी पंजाब के हितों की बात नहीं की। उनका पूरा फोकस मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब को बदनाम करने की तरफ रहा। यही कारण है कि लोगों ने आप को सबक दिखाया।

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