रांची में कोतवाली थाना क्षेत्र के रानी चिल्ड्रेन अस्पताल में बगैर पास के भीतर जाने को लेकर विवाद हो गया। महिला पुलिसकर्मी और अस्पताल में तैनात गार्ड आपस में उलझ गए। दोनों के बीच बकझक शुरू हो गई। फिर गाली-गलौज के बाद महिला पुलिसकर्मी ने गार्ड को धक्का देते हुए थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद गार्ड ने भी महिला और उसके पति की जमकर धुनाई कर दी। इस दौरान दोनों ओर से टेबुल और कुर्सियां भी चलीं।

अस्पताल में मौजूद अन्य कर्मियों ने बीच-बचाव किया। इसी दौरान पुलिस मेंस एसोसिएशन के लोग भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने भी अस्पताल में जमकर हंगामा किया। सूचना मिलने के बाद कोतवाली थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। हंगामा कर रहे एसोसिएशन के लोगों को शांत कराया। मामले में पुलिस ने दो गार्ड को हिरासत में लिया है और दोनों से पूछताछ कर रही है।

पास नहीं होने पर बढ़ा था मामला
जैप-10 में तैनात महिला पुलिसकर्मी सुषमा कुमारी की प्रीमेच्योर बेबी का इलाज 4 जनवरी से रानी चिल्ड्रेन अस्पताल में चल रहा है। इस दौरान सुषमा हर दिन बच्चे के लिए दूध लेकर अस्पताल आती-जाती हैं। मंगलवार को भी सुषमा अपने बच्चे के लिए दूध लेकर पति के साथ अस्पताल गई थी। अस्पताल के बाहर मौजूद गार्ड ने उनसे पास मांगा। पास देने से महिला सिपाही ने इनकार कर दिया। इसी को लेकर दोनों के बीच विवाद होने लगा। इसके बाद मामला धक्का-मुक्की तक पहुंच गया। इस दौरान महिला सिपाही ने एक गार्ड को थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद गार्ड ने भी महिला को तमाचा मार दिया। इसके बाद दोनों के बीच मारपीट शुरू हो गई। इसी दौरान दोनों ओर से कुर्सियां चलने लगी। इसमें गार्ड और महिला सिपाही दोनों को चोटें भी आयीं।

पुलिस मेंस एसोसिएशन पहुंचा अस्पताल
इधर, जैसे ही महिला पुलिसकर्मी के साथ अभद्रता की जानकारी पुलिस मेंस एसोसिएशन के अधिकारियों को हुई,  वो आनन-फानन में अस्पताल पहुंचे और हंगामा करने लगे। इसी बीच रानी चिल्ड्रेन अस्पताल के मुख्य चिकित्सक राजेश कुमार बाहर निकले और उन्होंने सबके सामने माफी मांगकर मामले को शांत करवाया। जैप 10 की अध्यक्ष शांति किरण ने बताया कि एक मां जब हर रोज अपने बच्चे को दूध देने के लिए अस्पताल जा रही है, तो ऐसे में अगर उसके पास नहीं भी था तो उसे अस्पताल के अंदर जाने देना चाहिए था, क्योंकि वो पिछले दो महीने से लगातार अपने प्रीमेच्योर बेबी के लिए दूध ले कर जा रही थी।

शाम में हुआ दोनों के बीच समझौता
घटना के बाद शाम में दोनों पक्षों के बीच बातचीत हुई। समझौता होने के बाद महिला सिपाही ने अपनी लिखित शिकायत वापस ले ली। पीआर बांड पर पुलिस ने हिरासत में लिए दोनों गार्ड को छोड़ दिया।