भारत के वित्त वर्ष 2021-2022 के बजट प्रस्तावों में बीमा कंपनियों के लिए एफडीआई सीमा को बढ़ाने और LIC की लिस्टिंग का प्रस्ताव आने से इंडस्ट्री को विदेशी पूंजी को आकर्षित करने, सॉल्वेंसी को मजबूत करने और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। फिच रेटिंग्स ने मंगलवार को यह बात कही। रेटिंग एजेंसी ने आगे कहा कि ये प्रस्ताव वैश्विक बीमा कंपनियों को तेजी से ग्रोथ कर रहे भारतीय बाजार में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कई घरेलू कंपनियों में पहले से ही वैश्विक बीमा कंपनियों की मामूली हिस्सेदारी है, वे अब अपनी इस हिस्सेदारी को मध्यम अवधि में बढ़ाने की कोशिश कर सकती हैं।  वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पेश हुए बजट में बीमा कंपनियों पर एफडीआई की सीमा को 49 फीसद से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। इससे पहली बार विदेशी निवेशकों को भारत स्थित बीमा कंपनियों में बहुसंख्यक हिस्सेदारी लेने की अनुमति मिलेगी।

इसके अलावा, केंद्र ने पर्याप्त स्थानीय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए नई आवश्यकताओं का भी प्रस्ताव किया है। इनमें बीमा कंपनियों के प्रमुख प्रबंधन कर्मियों और बोर्ड के सदस्यों में बहुसंख्यक का भारतीय निवासी होना और कम से कम बोर्ड का आधा हिस्सा स्वतंत्र निदेशकों का होना शामिल है।

रेटिंग एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘फिच को अंतरराष्ट्रीय बीमा कंपनियों को आकर्षित करने और क्षेत्र के भीतर प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए विदेशी स्वामित्व के नियमों में छूट की उम्मीद है। इससे पूंजी तक बीमाकर्ताओं की पहुंच बढ़ेगी और इससे इंडस्ट्री की स्थिति में सुधार होगा।’

फिच रेटिंग्स ने आगे कहा, ‘हम यह भी मानते हैं कि बीमाकर्ताओं के वितरण नेटवर्क को विकसित करने, डिजिटलीकरण को सक्षम बनाने और विपणन और क्लाइंट सर्विसिंग जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता लाने के लिए नई पूंजी की आवश्यकता है, जो लंबे समय में बीमा क्षेत्र की स्थिति में सुधार करेगी।’

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