गुजरात के सूरत शहर की लाजपोर जेल में उस जेल प्रशासन के उस वक़्त हाँथ-पैर फूल गए जब सजा काट रहे एक कैदी की अचानक तबियत बिगड़ गई और उसने सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि, जेल प्रशासन ने बीमार होने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया था। वही, परिजनों ने जेल में हुई कैदी से मारपीट के कारण मौत होने का आरोप लगाया है। परिजनों ने बताया कि कैदी 3 फरवरी को जेल से रिहा होने वाला था, रिहाई से एक दिन पहले ही उसकी मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार, कच्छ-भुज में मारपीट और हमले का 32 वर्षीय आरोपी असलम इस्माइल चाकी पासा के तहत लाजपोर जेल में सजा काट रहा था। लाजपोर जेल में तीन महीने से सजा काट रहे कैदी की मंगलवार को अचानक तबीयत खराब हो गई। उसे इलाज के लिए सिविल अस्पताल लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। असलम की मौत की जानकारी मिलते ही पूरा परिवार सूरत आ गया। परिवार ने बताया कि, शनिवार को असलम ने भाई से फोन पर बातचीत के दौरान बताया था कि जेल में उसकी ड्रग्स के एक आरोपी से बात पर मारपीट हुई थी। घटना के बाद उसके हाथ और पैर में तेज दर्द होने लगा था। साथ ही परिवार ने फॉरेंसिक पोस्टमार्टम करवाने की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि, असलम की मौत बीमारी से नहीं बल्कि पिटाई से हुई है। वहीं, पुलिस अपनी प्राथमिक रिपोर्ट में मौत का कारण बीमारी बता रही है।

डॉक्टरों ने बताया कि, पोस्टमार्टम के दौरान पता चला कि मृतक के पेट में खाने की थैली पलटकर सीने में आ गई थी। इस वजह से उसकी मौत हुई। हालांकि हिस्टोपैथी आदि सैंपल लेकर लैब में भेज दिए गए हैं। फाइनल रिपोर्ट आनी बाकी है। हालांकि, प्राथमिक रिपोर्ट से परिवार के आरोप की पुष्टि हो रही है। फॉरेंसिक पीएम करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि चोट लगने के कारण ही मौत हो सकती है। वहीं, पीएम की रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण सामने आएगा।

प्रकरण पर जानकारी देते हुए जेल सुपरिंटेंडेंट मनोज निनामा ने बताया कि, कैदी को सांस की बीमारी थी, इसलिए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मृतक को टीबी की शिकायत थी। कैदी की जेल में किसी से मारपीट नहीं हुई न ही उसकी किसी से कोई दुश्मनी थी।