राजद-कांग्रेस (RJD-Congress) भी बिहार से बाहर सियासी दुश्मनी (political animosity) के रास्ते पर हैं। बिहार में दोनों की दोस्ती है, लेकिन पश्चिम बंगाल (west Bengal) में तकरार के हालात बन रहे हैं। राजद अध्‍यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav)  के निर्देश पर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav)  ने अपने दो वरिष्ठ प्रतिनिधियों को राजद (RJD) की संभावनाएं तलाशने के लिए बंगाल भेजा है। अब्दुल बारी सिद्दीकी (Abdul Bari Sidiqui) और श्याम रजक (Shyam Rajak)  कोलकाता के दौरे पर हैं। दोनों तीन दिनों तक बंगाल में रहेंगे। ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) और प्रशांत किशोर (Prashant Kishore)  से मुलाकात करेंगे। राजद के साथ तालमेल की बात करेंगे। पक्ष में माहौल बनाएंगे। राजद की रणनीति बता रही है कि बंगाल में वह तृणमूल (Trianamool) का साथ देने जा रहा है। गठबंधन (Alliance) में कुछ सीटें भी मिल सकती हैं, जिनपर राजद का मुकाबला कांग्रेस एवं वामदलों (Left parties) के गठबंधन से होना तय है

एक फरवरी को होगी मुलाकात और सारी बात

तृणमूल से राजद के गठबंधन की शर्तों और सीटों पर अभी बात नहीं हो सकी है, पर तेजस्वी का पैगाम लेकर कोलकाता पहुंचे राजद नेताओं ने दावा किया कि एक फरवरी को ममता बनर्जी से मुलाकात होगी। उसी दौरान सारे मसलों पर बात हो जाएगी। उसी दिन ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी (Abhisheikh Banerjee) और प्रशांत किशोर से भी मिलना होगा।

भाजपा को हरानेवाले को राजद का साथ

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव पर राजद पिछले कुछ दिनों से दुविधा में था। लालू प्रसाद (Lalu Prasad)  की सोनिया गांधी (Sonia Gandhi)  और ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) दोनों से बेहतर ताल्लुकात हैं। मगर बंगाल की राजनीति में दोनों आमने-सामने हैं। इसलिए राजद तय नहीं कर पा रहा था कि वह किसका साथ दे। असमंजस से बचने के लिए लालू प्रसाद ने पहले दोनों दलों को साथ लाने का प्रयास किया। कामयाब नहीं हुए तो तेजस्वी यादव का बयान आया कि बंगाल में जो भाजपा को हराने की स्थिति में रहेगा, राजग उसी का साथ देगा। साफ है, राजद ने स्थिति की समीक्षा करने के बाद निष्कर्ष निकाला होगा कि बंगाल में कांग्रेस एवं वामदलों के गठबंधन पर तृणमूल का पराक्रम भारी है। इसलिए राजद ने कांग्रेस को दरकिनार कर ममता के साथ खड़ा होना बेहतर समझा।

राजद ने गढ़ा तर्क, भाजपा को रोकने के लिए ममता जरूरी

राजद ने कांग्रेस का साथ छोडऩे के लिए भी तर्क गढ़ लिया है। तेजस्वी के दूत बनकर कोलकाता पहुंचे श्याम रजक के मुताबिक भाजपा (BJP) को रोकने के लिए ममता बनर्जी का साथ देना जरूरी है। राजद के लिए सीट नहीं, बंगाल से भाजपा का सफाया महत्वपूर्ण है। इसके लिए राजद को जो भी कुर्बानी देनी होगी, देंगे। बिहार की सीमा वाले बंगाल के जिले और कोलकाता के आसपास के इलाकों पर फोकस होगा, जहां बिहारियों की तादाद अच्छी है। अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि बंगाल में हम पहले भी चुनाव लड़ते रहे हैं। हमारा विधायक भी जीता है। इसलिए बंगाल को हम छोड़ नहीं सकते हैं।