गुजरात में स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर आयोग ने राज्य सरकार के 35 हजार कर्मचारियों की छुट्टियां रद कर दी सचिवालय के कर्मचारियों को भी चुनाव का काम सौंपा जाएगा। गुजरात में आगामी 21 तथा 28 फरवरी को होने वाले महानगर पालिका, नगर पालिका, जिला व तहसील पंचायत चुनाव को लेकर राज्य चुनाव आयोग ने एक अहम निर्णय करते हुए राज्य सरकार के सभी विभागों के कर्मचारियों की छुट्टियां रद कर दी है। पहले से अवकाश पर गए कर्मचारियों को भी आयोग ने बुलाया है।

गत 23 दिसंबर को ही चुनाव आयोग ने स्थानीय निकाय चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की थी। आगामी 21 फरवरी को अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, राजकोट, जामनगर तथा भावनगर महानगर पालिका के चुनाव होने हैं तथा 28 फरवरी को 81 नगर पालिका, 31 जिला पंचायत तथा 231 तहसील पंचायत के चुनाव होने हैं। राज्य में पहले से अवकाश पर गए कर्मचारियों को आयोग ने चुनाव के काम के लिए बुला लिया है तथा पहले से अवकाश की स्वीकृति पाने वाले सभी कर्मचारियों की अवकाश को चुनाव आयोग ने रद कर दिया।

चुनाव आयोग के काम से इस बार राज्य सचिवालय के कर्मचारियों को भी शामिल किया जाएगा इसके अलावा जिला प्रशासन के सभी विभागों के कर्मचारियों से भी चुनाव का काम लिया जाएगा। स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी तथा कांग्रेस अपनी अपनी रणनीति बना रही है। गुजरात में 2022 में विधानसभा चुनाव होने के कारण यह चुनाव लिटमस टेस्ट के रूप में देखे जा रहे हैं।

कांग्रेस जहां इन चुनावों में किसान आंदोलन महंगाई तथा भ्रष्टाचार के मुद्दों को जनता के बीच में जा रहे हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी केंद्र सरकार की उपलब्धियां तथा गुजरात में राज्य सरकार की ओर से गांव गांव तक नल से जल पहुंचाने, शहरों के साथ गांव में भी 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने, सड़क, नर्मदा नहर से सिंचाई, फसल बीमा तथा गांव को आधुनिक तकनीक व ब्रॉडबैंड से जोड़ने के साथ अधिकांश सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन करने जैसे काम गिना रही है।