सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान स्‍क्रीन पर बगैर शर्ट दिखा शख्‍स, नाराज जजों ने कही ये बात

कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अधिकांश गतिविधियों को वर्चुअली आयोजित किया जा रहा है। इसी क्रम में आज सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बीच स्‍क्रीन पर शर्टलेस शख्‍स के दिखने से जजों की बेंच को गुस्‍सा आ गया और इसे अनुचित बताया।

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए एक मामले की सुनवाई चल रही थी। इस दौरान एक शख्‍स बगैर शर्ट पहने ही नजर आया इसपर कोर्ट ने नाराजगी जताई। इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आए हैं। अभी हाल में ही एक मामले सुनवाई कर रही महिला वकील ने अपने चेहरे पर फेस पैक लगा रखा था। जस्‍टिस एल नागेश्‍वर (L Nageswara Rao ) और हेमंत गुप्‍ता (Hemant Gupta) की बेंच ने कहा, ‘7-8 माह से वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई का काम जारी है लेकिन फिर भी ऐसे वाकये हो रहे हैं।’ बेंच ने आदेश दिया,’ यह सही नहीं है। ये कैसा बिहेवियर है? ‘ जजों की बेंच ने कहा, ‘यह पहली बार नहीं है। कोर्ट में जब से वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की प्रक्रिया शुरू हुई है तब से इस तरह के मामले आते रहते हैं।’

टीशर्ट पहन बेड पर लेट वकील ने की थी सुनवाई 

कोविड-19 महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अपनी कार्यवाही पर रोक लगा दी है और अभी वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए मामलों की सुनवाई कर रही है। इससे पहले 26 अक्‍टूबर को इसी तरह का मामला कोर्ट के सामने पेश आया था। उस वक्‍त मामले की सुनवाई जस्‍टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Justice D Y Chandrachud) कर रहे थे और एक एडवोकेट बिना शर्ट के ही स्‍क्रीन पर नजर आए थे। इस पर चंद्रचूड़ ने कहा था,’ मैं किसी के साथ सख्‍त होना पसंद नहीं करता लेकिन आप स्‍क्रीन पर हैं। आपको सतर्क रहना चाहिए।’ वहीं जून में सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग में स्‍क्रीन पर टीशर्ट पहने एक वकील अपने बेड पर लेटे नजर आए थे। इसपर जजों ने नाराजगी जताई थी और कहा था कि सुनवाई के दौरान अदालत के अनुशासन और शिष्‍टाचार का पालन होना चाहिए।

राजस्‍थान हाई कोर्ट के वकील ने बनियान में ही की सुनवाई

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई के दौरान वकीलों को अनुचित तरीके से स्‍क्रीन पर नहीं आना चाहिए उन्‍हें प्रेजेंटेबल (presentable) दिखना चाहिए। इसी साल अप्रैल में राजस्‍थान हाई कोर्ट विवाद में आ गया था जब वहां के एक वकील ने बनियान में ही मामले की सुनवाई की थी। इसके लिए वकील को हाई कोर्ट की आलोचना का शिकार होना पड़ा था।