रायपुर, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान से छत्तीसगढ़ सरकार के पास बचे छह लाख टन धान से एथनाल बनाने की अनुमति मांगी है। यह अतिरिक्त धान वर्ष 2018-19 और 2019-20 में की गई खरीदी का है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वनांचल क्षेत्रों में मिट्टी तेल का कोटा बढ़ाने का आग्रह किया, जिसे केंद्रीय मंत्री ने स्वीकार कर लिया। केंद्रीय मंत्री से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के अतिरिक्त राज्य के किसानों से खरीदे गए अधिशेष (अतिरिक्त) धान से बायो एथनाल उत्पादन की अनुमति देने का केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया।

सीएम ने कहा कि राज्य में वर्ष 2018-19 में 80.38 लाख और 2019-20 में 83.94 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई। इससे तैयार चावल की केंद्रीय पूल और राज्य की सार्वजनिक वितरण प्रणाली की जरूरत पूरी की गई। इसके बाद भी धान बचा है। राज्य सरकार मिलिंग कराकर अतिरिक्त चावल लेने के लिए बाध्य है। सीएम ने बताया कि खाद्यान्न से एथनाल बनाने वाले प्लांटों की स्थापना के संबंध में राज्य की औद्योगिक नीति (2019-24) में आवश्यक प्रावधान किए गए हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने एथनाल उत्पादन के लिए अनुमति देने की धर्मेद्र प्रधान से मांग की। अनुमति मिलने पर छह लाख टन धान को एथनाल संयंत्रों को उपलब्ध कराया जा सकेगा।

अमित शाह से सीआरपीएफ की दो और बटालियन की मांग

मुख्यमंत्री बघेल मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मिले। इस दौरान दोनों के बीच बस्तर में नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने को लेकर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने बस्तर के लिए स्वीकृत सीआरपीएफ की दो अतिरिक्त बटालियनों की शीघ्र तैनात की मांग शाह के सामने रखी। बता दें कि एक दिन पहले ही सीएम ने शाह को पत्र लिखकर बस्तर में नक्सलवाद के अंत के लिए सुझाव दिए थे।